बॉलीवुड की बेहद खूबसूरत और जानी-मानी अभिनेत्रियों में शामिल एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा ने बीती 22 अक्टूबर की तारीख को अपना 33 वा जन्मदिन सेलिब्रेट किया है| परिणीति की बात करें तो साल 1998 को हरियाणा के अंबाला में इनका हुआ था जिन्होंने फिल्म लेडीज वर्सेस रिकी बहल से बॉलीवुड में अपना सफल डेब्यू किया था| इस फिल्म के लिए परिणीति चोपड़ा को बेस्ट फीमेल डेब्यू एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवार्ड भी हासिल हुआ था जिसका श्रेय एक्ट्रेस ने अपने माता-पिता को दिया था|

पर हम आपको बता दें परिणीति चोपड़ा की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था जब अपने ही माता-पिता से वह नफरत करने लगी थी| उन दिनों एक्ट्रेस को घर में किसी से बात करने का मन नहीं करता था और घर से बाहर निकलने में भी उन्हें डर लगने लगा था| ऐसे मैं अपनी आज की इस पोस्ट में हम आपको परिणीति चोपड़ा के उसी वक्त के बारे में बताने जा रहे हैं, जब अपने अंदर से काफी कमजोर महसूस होने लगा था|

स्कूल के दिनों में हुई छेड़छाड़ कि शिकार

बात उन दिनों की है जब परिणीति चोपड़ा स्कूल में पढ़ा करती थी| उन दिनों परिणीति चोपड़ा पढ़ने में काफी अच्छी थी और उनकी गिनती क्लास के होशियार बच्चों में की जाती थी| उस समय परिणीति स्कूल से ही साइकिल जाया करती थी क्योंकि उनके पिता के पास कार खरीदने के पैसे नहीं थे|उस वक्त उनके माता-पिता कुछ दूर तक उन्हें स्कूल जाते वक्त छोड़ दिया करते थे लेकिन उसके बाद स्कूल तक परिणीति चोपड़ा को अकेले ही जाना पड़ता था| लेकिन उनकी असली दिक्कत कुछ लड़के थे जो उन्हें रास्ते में मिलते थे और उन्हें परेशान करते थे|

मेरी स्कर्ट भी उठाने की करते कोशिश

अपने एक इंटरव्यू के दौरान परिणीति चोपड़ा ने इस बात का खुलासा किया था के स्कूल जाते वक्त कुछ लड़के उनका पीछा किया करते थे, और रास्ते भर उन्हें चिढ़ाते भी थे| एक्ट्रेस ने आगे बताया के कई बार उनमें से कुछ लड़के उनकी स्कर्ट तक उठाने की कोशिश करते थे| और इस वजह से स्कूल जाने में परिणीति को धीरे-धीरे डर लगने लगा था|

माता पिता से करने लगीं नफरत

यह कहानी सिर्फ एक दिन की नहीं थी, बल्कि रोज उन्हें स्कूल जाते वक्त उन लड़कों का सामना करना पड़ता था| ऐसे में परिणीति चोपड़ा को अपने माता-पिता से नफरत होने लगी थी| ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें ऐसा लगता था के अपने पेरेंट्स की वजह से उन्हें साइकिल से स्कूल जाना पड़ता है और अगर उनके पिता स्कूल तक उनके साथ रहते तो शायद यह सब नहीं होता|

बाद में एहसाह हुआ वो गलत थीं

इस बात का एहसास परिणीति को बाद में हुआ के उन दिनों उनके माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं थे, के वो एक कार खरीदे सके| और साथ ही आधे रास्ते तक इसीलिए छोड़ा करते थे जिससे उनकी बेटी को ऐसी समस्याओं का सामना ना करना पड़े| उन दिनों परिणिति के माता पिता को इस बारे में पता भी नही था पर फिर भी वो उन्हें कुछ दूर तक अपनी संतुष्टि के लिए छोड़ने के लिए जाया करते थे|

 

By Akash