हमारी भारतीय क्रिकेट टीम के कुछ बेहद मशहूर और सफल खिलाड़ियों में शामिल रहे क्रिकेटर अनिल कुंबले एक जमाने में अपनी गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे, जो एक समय में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी का भी कार्यभार संभाल चुके हैं और इसके साथ साथ क्रिकेट की दुनिया से संन्यास लेने के बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है|
अनिल कुंबले भले ही अपने कैरियर में काफी सफल रहे, लेकिन अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर उन्हें अक्सर विवादों में देखा गया और इसके साथ साथ उनकी शादीशुदा जिंदगी भी काफी सुर्खियों में रही| ऐसे में अपनी आज की इस पोस्ट के जरिए हम आपको अनिल कुंबले की पर्सनल लाइफ से रूबरू कराने जा रहे हैं और आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां देने जा रहे हैं…
सबसे पहले आपको बता दें,अनिल कुंबले ने बीते साल 1999 में चेतना रामतीर्थ के साथ शादी रचाई थी, जिनके साथ आज वो एक खुशहाल शादीशुदा ज़िंदगी बिता रहे हैं और वर्तमान समय में वह कुल 3 बच्चों के पिता हैं, जिनमें उनका एक बेटा मयास कुंबले और दो बेटियां स्वस्ति कुंबले और आरुणि कुंबले शामिल है|
लेकिन, अगर अनिल कुंबले और चेतना रामतीर्थ की लव स्टोरी की बात करें तो यह वाकई बेहद दिलचस्प है और आपको शायद ही पहले से इस बारे में जानकारी भी होगी…
शुरुआत होती है एक ट्रैवल एजेंसी से जहां पर चेतना रामतीर्थ काम किया करती थी,और उनसे मिलने के बाद अनिल कुंबले उन पर दिल हार बैठे थे| लेकिन, वहीं दूसरी तरफ अगर चेतना की बात करें तो, उनकी शादी साल 1986 में ही मैसूर के एक स्टॉक ब्रोकर के साथ हो गई थी, पर अपने रिश्ते से वह खुश नहीं थे और इसी कारण उन्होंने ट्रैवल कंपनी में काम करना भी शुरू किया था|
अनिल कुंबले और चेतना रामतीर्थ की पहली ही मुलाकात में दोस्ती हो गई और इसके बाद कुछ और मुलाकातों के साथ इन दोनों का यह रिश्ता प्यार में तब्दील हो गया| इस सब के बाद साल 1998 में चेतना ने अपने पति से पूरी तरह अलग होने का फैसला लिया और तलाक के साथ अपने रिश्ते को खत्म कर दिया, जिसमें अनिल कुंबले ने भी उनका सहयोग किया|
इसके बाद अनिल कुंबले ने चेतना को शादी का प्रपोजल दिया, जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया और उन्होंने कहा कि प्यार और शादी के रिश्ते से उनका भरोसा उठ चुका है| पर, चेतना के लिए अनिल ने काफी समय तक इंतजार किया और फिर आखिरकार साल 1999 में अपने प्यार से चेतना का दिल जीत कर अनिल कुंबले ने उन्हें अपना बना लिया|
हालांकि, उन दिनों चेतना अपनी पहली शादी से एक बेटी की मां भी बन चुकी थी,जिनकी कस्टडी पाने के लिए उन्होंने काफी लंबी लड़ाई लड़ी और इसमें अनिल कुंबले ने भी उनका भरपूर साथ दिया| 1998 से लेकर 2004 तक अनिल कुंबले और चेतना ने अरुणा की कस्टडी पाने के लिए लड़ाई लड़ी, और फिर इसके बाद यह दोनों दो और बच्चों के पेरेंट्स बने, जिसमें मायास कुंबले और स्वाति कुंबले शामिल हैं