बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार रहे हैं जिन्होंने काफी संघर्षों के बाद इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं और इन्हीं कलाकारों में से एक है बॉलीवुड की जानी-मानी अदाकारा शशि कला जो की अभी हाल ही में बीते 4 अप्रैल 2021 को 88 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गई और अभिनेत्री शशि कला के इस दुनिया को छोड़ जाना बॉलीवुड के नूर के चले जाना जैसा है | अपने जबरदस्त अभिनय और अद्भुत तेज वाले चेहरे से शशि कला ने लंबे समय तक फिल्म इंडस्ट्री पर और लोगों के दिलों पर राज किया है | शशि कला का फिल्मी सफर न सिर्फ यादगार रहा है बल्कि कई महीनों में लोगों को संघर्ष की असली दास्तां भी बता गया है और आज हम आपको शशि कला की संघर्ष की किसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं
शशि कला का फिल्मी करियर काफी शानदार रहा है परन्तुं इनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा है| शशि कला का जन्म वैसे तो एक समृद्ध परिवार में हुआ था परंतु परिवारिक मतभेद और असफल शादी के चलते शशि कला पूरे जीवन धक्के ही खाती रही थी बता दे अभिनेत्री शशि कला का जन्म देश की आजादी से 15 साल पहले यानी कि 4 अगस्त साल 1932 में हुआ था और एक समृद्ध परिवार में जन्मी शशि कला का शुरुआती जीवन तो काफी आसान रहा है परंतु समय के साथ साथ शशि कला की जिंदगी में काफी सारे उतार-चढ़ाव आए था |शशि कला के पिता के भाई ने धोखे से उनकी सारी संपत्ति हड़प ली थी जिसके चलते शशि कला के परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था|
शशि कला मदर टेरेसा से पहली बार एयरपोर्ट पर मिली थी और उनसे मिलकर उन्हें परम शांति की अनुभूति हुई थी जिसके बाद वह मदर टेरेसा से मिलने के लिए कोलकाता चली गई परंतु उन्हें वहां मदर टेरेसा से मिलने की इजाजत नहीं दी गई| फिर शशि कला को पुणे के एक आश्रम में भेज दिया गया जहां पर शशि कला ने शौचालय की सफाई से लेकर, झाड़ू पोछा और लोगो की सेवा करने तक सब काम किये और इतना सब कुछ करने के बाद शशि कला को मदर टेरेसा से मिलने की अनुमति प्राप्त हुई और वह मदर टेरेसा से मिलकर बहुत खुश हुई थी|
शशि कला ने महज 11 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी और इसके लिए शशि कला को ₹25 का इनाम भी दिया गया था| शशि कला ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि भारत-पाकिस्तान के विभाजन से पहले उनकी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था परंतु विभाजन के बाद उनके करियर पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा था और उन्हें फिल्मो में काम भी मिलना बंद हो गया था |
बात करें शशि कला के निजी जीवन की तो इन्होने महज 19 साल की उम्र में ओपी सिंघल के साथ शादी रचाई थी और शादी के कुछ सालों के बाद ही शशि कला के पति का बिजनेस चौपट हो गया और शशि कला को भी रात मेहनत करने के बाद भी फिल्मों में साइड रोल या छोटे किरदार ही ऑफर होते थे |वही पैसों की तंगी की वजह से शशि कला के घर में कला बढ़ने लगा जिसके बाद शशिकला ने अपनी बेटियों को पंचगनी बोर्डिंग स्कूल भेज दिया था |
काफी संघर्षों के बाद शशि कला को फिल्म आरती में नेगेटिव रोल ऑफर हुआ था और इस फिल्म में उनके साथ बॉलीवुड अभिनेत्री मीना कुमारी भी थी| फिल्म आरती में शशि कला के अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया था और इसके बाद शशि कला को बैक टू बैक फिल्मों के ऑफर आने लगे और उन्होंने अपने करियर में जंगली, अनुपमा, सुजाता, फूल और पत्थर, आई मिलन की बेला, गुमराह, वक्त जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया और इंडस्ट्री में खूब नाम और शोहरत कमाया था| आपको बता दें शशि कला को लगभग 5 बार फिल्म फेयर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है|
शशि कला ने अपने एक इंटरव्यू के बारे में बताया था कि फिल्म गुमराह में काम करने के बाद वो राह भटक गयी थी और इस वजह से शशि कला अपने पति और बच्चों को छोड़कर एक शख्स के साथ विदेश भाग गई थी हालांकि वहां पर उन्हें काफी ज्यादा बेज्जती और यातनाएं सहनी पड़ी थी जिसके बाद में वापस अपने देश लौट आए और यहां लौटने के बाद कई दिनों तक शशि कला सड़कों पर पागलों की तरह घूमती रही, फुटपाथ पर भी सोयी और शांति पाने के लिए आश्रम और मंदिरों के चक्कर काटती रही थी|
शशि कला बॉलीवुड फिल्मों के अलावा टीवी इंडस्ट्री में भी काम कर चुकी है और इनका अभिनय करियर बेहद ही शानदार रहा है| शशि कला को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से लाइफ टाइम अचीवमेंट कंट्रीब्यूशन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है और इसके अलावा शशि कला को साल 2007 में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है और उन्हें साल 2009 में शांताराम लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया था|