गुजरे 90 के दशक के कुछ बेहद शानदार और बेहतरीन अभिनेताओं में शामिल एक्टर अनुपम खेर आज लाखों फैंस के दिलों में अपनी एक अहम पहचान बना चुके हैं| अनुपम खेर की बात करें तो, इनके फिल्मी कैरियर में बॉलीवुड के साथ-साथ कई हॉलीवुड फिल्में भी शामिल हैं, जिस वजह से ये कहना भी गलत नहीं होगा के इन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग के दम पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी एक पहचान बनाई है| अभी तक तकरीबन 500 से अधिक फिल्मों में नजर आ चुके अभिनेता अनुपम खेर ने अपने एक्टिंग करियर के दम पर गजब की दौलत और शोहरत हासिल की है|
पर अनुपम खेर के लिए यह सब हासिल करना कभी भी इतना आसान नहीं था और आज वो जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसे हासिल करने के लिए इन्होंने काफी मेहनत और मशक्कत की है और ऐसे में अपनी आज की इस पोस्ट के जरिए हम आपको अभिनेता के इसी सफर से रूबरू कराने जा रहे हैं…
प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा
7 मार्च, 1955 को शिमला में जन्मे अनुपम खेर के पिता वन विभाग में एक क्लर्क हुआ करते थे और अगर अनुपम खेर की बात करें तो जब वह सिर्फ नवी कक्षा में पढ़ते थे, तभी उन्होंने अपनी अभिनय की कला को खोज निकाला था|
स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने भारतीय रंगमंच का अध्ययन करना छोड़ दिया|इसके बाद साल 1978 में नई दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से उन्होंने स्नातक पूरी की, लेकिन इसके बाद जब मुंबई जाने की बारी आई तो उनके पास पैसे नहीं थे, जिस वजह से उन्होंने पैसों के लिए ऑडिशन और नाटकों में प्रदर्शन किया और साथ में पढ़ाई भी कराई|
बेहद संघर्षपूर्ण रहा अनुपम खेर का सफर
अनुपम खेर की जीवन में एक वक्त ऐसा आ गया था जब उनके पास पैसे या मदद कुछ भी मौजूद नहीं था, और इसके साथ साथ उनके पास कोई काम भी नहीं था| मुश्किल दिनों में वह समुद्र के तटों पर और प्लेटफार्म पर सोते थे| और वक्त के एक मोड़ पर आकर वह काफी हार मान गए थे और घर लौटने का भी फैसला कर लिया था| लेकिन, खुद को किया अपने वादे की दृढ़ता और सफलता का संकल्प लिया उन्होंने अपना सफर जारी रखा|आखिरकार, हिंदी फिल्म जगत के निर्देशक महेश भट्ट की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने साल 1984 में रिलीज हुई अपनी फिल्म सारांश में अनुपम खेर को मौका दिया|
कई प्रतिष्ठित अवार्ड्स से नवाज़े जा चुके हैं अभिनेता
अनुपम खेर के बाल भी काफी कम उम्र में ही झड़ गए थे, जिस वजह से साल 1984 में आई उस फिल्म में अभिनेता ने 29 वर्ष की आयु में ही एक 65 वर्षीय शख्स की भूमिका निभाई थी, जिसमें दर्शकों ने ना केवल उनके अभिनय की प्रशंसा की थी बल्कि फिल्म पर द्वारा भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया था|
इसके बाद साल 1989 में अनुपम खेर को डैडी के किरदार में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड भी हासिल हुआ| उसी साल अभिनेता फिल्म राम लखन में भी नजर आए थे 2 साल की दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म साबित हुई|