बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में मेल कॉमेडियन का हमेशा से ही दबदबा रहा है परंतु इसी फिल्म इंडस्ट्री में फीमेल कॉमेडियन बहुत कम ही देखने को मिलती है और आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री की सबसे पहली और पॉपुलर फीमेल कॉमेडियन के बारे में बताने वाले हैं जिनका नाम है टुनटुन|

टुनटुन ने 40 से लेकर 70 के दशक तक बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में अपने शानदार कॉमिक टाइमिंग और बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का खूब एंटरटेनमेंट किया था और इन्होंने हिंदी सिनेमा जगत में फीमेल कॉमेडियन के तौर पर गजब की पापुलैरिटी हासिल की थी| फिल्मी पर्दे पर अपनी बेहतरीन एक्सप्रेशन और शानदार कॉमिक टाइमिंग के बदौलत दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाली टुनटुन की असल जिंदगी काफी दर्द भरी रही और आज के अपने इस पोस्ट में हम आपको टुनटुन के निजी जिंदगी के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं|

बॉलीवुड की जानी-मानी कॉमेडी टुनटुन का असली नाम उमा देवी खत्री था और इनका जन्म 1923 में उत्तर प्रदेश में हुआ था| टुनटुन ने अपने बचपन से ही अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखें और इनका जीवन बेहद ही संघर्षपूर्ण रहा है| टुनटुन जब बहुत छोटी थी तभी जमीनी विवाद के चलते उनके माता-पिता और भाई को जान से मार दिया गया था |

टुनटुन ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा करते हुए बताया था कि,” जब मेरी उम्र महज ढाई साल की थी तभी मेरे माता पिता गुजर गए थे और इसके बाद मेरे भाई को भी मार दिया गया था तब मेरी उम्र केवल 5 साल ही थी | इतनी छोटी सी उम्र में परिवार का साया सिर से उठ जाने के बाद टुनटुन को बेहद मुश्किल से अपना जीवन यापन करना पड़ा और इनकी जिंदगी काफी गरीबी में कटी थी|

टुनटुन ने किसी तरह से अलीपुर से भागकर मुंबई आ गई थी और माया नगरी में आने के बाद टुनटुन सीधे म्यूजिक कंपोजर नौशाद के घर पहुंच गई और उनसे उन्होंने कहा कि मैं गाना गाना चाहती हूं और आप मुझे कुछ काम दे दीजिए वरना मैं समंदर में कूदकर अपनी भी जान दे दूंगी| टुनटुन की यह बात सुनकर नौशाद को काफी दुख हुआ और उन्होंने टुनटुन को गाना गाने का मौका दे भी दिया परंतु टुनटुन को गायकी के क्षेत्र में कुछ खास सफलता हासिल ना हो सकी जिसके बाद नौशाद ने उन्हें एक्टिंग की दुनिया में करियर बनाने की सलाह दी|

इसके बाद नौशाद ने टुनटुन को दिलीप कुमार की फिल्म बाबुल जो कि 1950 में रिलीज हुई थी उसमें काम दिलवा दिया और यही से टुनटुन की जिंदगी बदल गई और वह उमादेवी से टुनटुन बन गई| इसके बाद टुनटुन ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में साइड रोल निभाया और उन्हीं सबसे ज्यादा पापुलैरिटी उनके कॉमेडी रोल के लिए मिला है और आज भी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में टुनटुन को फीमेल कॉमेडियन के तौर पर जाना जाता है| टुनटुन साल 2003 में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गई थी परंतु आज भी टुनटुन को लोग उनके बेहतरीन अदाकारी और कॉमिक अंदाज के लिए याद करते हैं|

By Anisha