आज कैलाश खेर का नाम बॉलीवुड के कुछ जाने माने और मशहूर गायकों की सूची में दर्ज हो चूका है| पर हम आपको बता दें के उत्तर प्रदेश, के मेरठ में जन्मे कैलाश के लिए इस मुकाम को हासिल करना इतना आसान नही रहा| अपने जीवन में इस मुकाम को हासिल करने के लिए इन्होने काफी अधिक संघर्ष किया है| बताते चले के कैलाश खेर के पिता एक कश्मीरी पंडित रहे थे और इसीलिए घर में अक्सर भक्ति संगीत उन्हें सुनने मिल जाता था| लिहाज़ा कैलाश का झुकाव भी लोकगीतों की ओर बढने लगा और बचपन से ही इन्होने गाने का शौक चढ़ गया|

आपको यकीन नही होगा पर हम आपको बता दें के कैलाश नें महज़ 4 साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था और ये उस वक्त भी अपनी आवाज़ से लोगों के दिलों को जीत लिया करते थे| और क्योंकि कैलाश के पिता एक पंडित थे इसलिए वो हमेशा पारम्परिक गीत ही गाते थे| पर कैलाश को फिल्मी गाने गाने की इच्छा हुई| लेकिन परिवार की तरफ से कैलाश की इच्छा का विरोध देखने को मिला जिसके चलते अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए घर तक छोड़ दिया| संगीत के लिए किलाश नें सिर्फ 14 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था|

और घर से निकलने के बाद वो दिल्ली पहुंचे जहाँ इन्होने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की और पैसों के लिए वो छोटे बच्चों को संगीत की शिक्षा देने लगे| बच्चों से कैलाश फीस के 150 रूपये लिया करते और इसी से वो अपना गुज़ारा रते थे पर इनके लिए यह सब इतना आसान नही था और इतने पैसों से इनका हो रहा था|

ऐसे में साल 1999 में कैलाश नें अपने एक मित्र संग हेंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस शुरू किया पर इस बिजनेस से इन्हें उल्टा परिणाम देखने को मिला| ऐसा भी बताया जाता है के उन दिनों कैलाश खुद ख़ुशी करने की भी सोचने लगे थे| पर इस बीच इन्होने ऋषिकेश का रुख किया जहाँ साधू संतों संग इन्होने कुछ वक्त भजन संगीत हाय और इसके बाद इनमे एक अनूठा निश्वास जग उठा|

इसके बाद कैलाश एक बार फिर मुंबई पहुंचे और इस बार इन्हें गाने के लिए जो भी काम मिलते गये उन्हें ये स्वीकार करते गये और यह सिलसिला यूं ही चलता गया| इसके बाद इनकी मुलाकात संगीतकार राम सम्पत से हुई जिन्होंने एक प्रचार में  इन्हें जिंगल्स गाने का ऑफर दिया| पेप्सी कम्पनी के लिए इन्होने एक एड किया और फिर धीरे धीरे ये कामयाबी की सीढियां चढ़ने लगे और धीरे धीरे ये बॉलीवुड के सफल गायकों में भी शामिल हो गये|

वहीँ अगर इनकी नीजी जिंदगी की कहें तो इन्होने साल 2009 में शीतल संग शादी की थी और इस शादी से इनका एक बेटा भी है|इनके बेटे का नाम कबीर है| बता दें के एक तरफ कैलाश जहाँ शर्मीले और संकोची स्वाभाव के है वहीँ दूसरी तरफ इनकी पत्नी शीतल एक मॉडर्न ख्यालों वाली लडकी हैं|

वही अगर कैलाश की शीतल संग पहली मुलाकात की बात करें तो एक कॉमन फ्रेंड के जरिये इनकी पहली बार मुलाकात हुई थी|

By Akash