बीते साल 2020 में आई बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक ने लाखो दर्शकों के दिलों को जीत लिया था| इस फिल्म की बात करें तो 10 जनवरी को रिलीज हुई है फिल्म एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल कि रियल लाइफ स्टोरी पर बनी हुई थी जिसका निर्देशन मेघना गुलजार द्वारा किया गया था| इस फिल्म में दीपिका पादुकोण की एक्टिंग को काफी ज्यादा सराहा किया गया था और खुद लक्ष्मी अग्रवाल ने इस फिल्म को लेकर दीपिका की काफी तारीफें की थी|

लक्ष्मी अग्रवाल की कहे तो उन्होंने अपनी लाइफ स्टोरी पर बनी इस फिल्म को लेकर बात करते हुए कहा था कि उन्हें इस बात की खुशी है के एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण इस फिल्म में उनके किरदार को अदा कर रही हैं| आगे उन्होंने कहा  के उन्हें पूर्ण विश्वास था के दीपिका उनकी असर जिंदगी के उन दुख भरे लम्हों को काफी बेहतरीन तरीके से दुनिया के सामने रखेंगी|

कौन है लक्ष्मी और कैसे हुई उनके साथ यह घटना

बात करे अगर लक्ष्मी अग्रवाल की तो वो एक एक एसिड अटैक सरवाइवर है जिनका जन्म दिल्ली में हुआ था और दिल्ली में ही वह पली-बढ़ी भी हैं|  बचपन से ही लक्ष्मी को सिंगिंग का काफी शौक था लगभग 15 साल की उम्र में उन्होंने सिंगर बनने का सपना देखा था| लेकिन इसी दौरान एक 32 वर्षीय शख्स  नदीम खान की नजर लक्ष्मी अग्रवाल पर पड़ी और फिर नदीम ने लक्ष्मी से शादी करने की इच्छा जाहिर की|  लेकिन लक्ष्मी को अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना था और दूसरा यह के नदीम खान से शादी करना उन्हें पसंद भी नहीं था|

लेकिन नदीम खान उनका पीछा करने लगा और फिर अचानक साल 2005 में उसने आवेश में आकर लक्ष्मी के ऊपर एसिड फेंक दिया| लक्ष्मी एसिड अटैक के बाद वहीं पर गिरकर तड़पने लगी जिसके बाद एक टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें सफदरगंज अस्पताल में पहुंचाया|

अपने इंटरव्यू के दौरान लक्ष्मी ने बताया के वः एसिड अटैक उनके लिए एक बेहद भयानक अनुभव रहा|  उस दौरान एसिड जैसे ही उनकी स्किन पर गया तभी उन्हें अंदर से ऐसा महसूस होने लगा था खुद ही उनकी स्किन निकल कर बाहर आ गई है| इसके साथ साथ लक्ष्मी ने बताया कि उनके चेहरे और हाथों की स्कीम खुद-ब-खुद निकलकर बहने लगी थी| लक्ष्मी ने बताया कि उधर आनंद के चेहरे पर सिर्फ बैंडेज और पटिया ही नजर आती थी  और उस वक्त उनका चेहरा बोलने लायक भी नहीं रह गया था|

लक्ष्मी ने आगे बताया कि उन्होंने खुद साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की जिसमें उन्होंने खुलेआम बिक्री पर रोक लगाने की मांग की| और इसके साथ साथ एक कैंपेन भी शुरू किया जिसका नाम उन्होंने ‘Stop Acid Attacks’ दिया था| लक्ष्मी के इस कैंपेन में धीरे-धीरे देश की तमाम एसिड अटैक से पीड़ित महिलाएं जुड़ गई जिसके बाद धीरे-धीरे इस कैम्पेन ने काफी बड़ा रूप ले लिया और आखिरकार सरकार को खुलेआम हो रही है सीट की बिक्री पर रोक भी लगानी पड़ी|

लक्ष्मी को इसके बाद बहादुरी के लिए अमेरिका की पूर्व पहली महिला मिशेल ओबामा द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला पुरूस्कार से भी सम्मानित किया गया था|

By Anisha