70 और 80 के दशक में हमारे बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसी अभिनेत्री मौजूद थी, जिन्होंने अपने फिल्मी कैरियर में शामिल कई फिल्मों में नेगेटिव रोल को निभाया था और एक खलनायक के रूप में इन्होंने गजब की लोकप्रियता हासिल की थी| यह अभिनेत्री कोई और नहीं बल्कि बिंदु थी, जिन्होंने मोना डार्लिंग के नाम से दर्शकों के बीच खूब नाम कमाया था और उन दिनों एक्ट्रेस इतनी मशहूर हो गई थी कि इनके बारे में लोग तरह-तरह की बातें भी बनाने लगे थे|

एक्ट्रेस बिंदु की बात करें तो, इनका पूरा नाम बिंदु नानुभाई देसाई था, जिन्होंने साल 1962 में आई बॉलीवुड फिल्म अनपढ़ के जरिए बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था और उन दिनों उनकी उम्र महज 11 साल ही थी| बिंदु बॉलीवुड की कुछ ऐसी अभिनेत्रियों में भी शामिल रही हैं, जो शादी के बाद भी एक्टिंग की दुनिया में सक्रिय रही हैं और इतना ही नहीं बल्कि खूब दौलत और शोहरत भी कमाई है|

आइटम नंबर से लेकर वैम्प के किरदारों तक, सभी रोल्स में बिंदु ने अपनी कला को बखूबी साबित किया है| साल 1970 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘कटी पतंग’ का गाना ‘मेरा नाम है शबनम’ का गाना तो आपको जरूर याद होगा, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें, किसी एक गाने ने एक्ट्रेस बिंदु को उन दिनों रातों-रात आइटम क्वीन बना दिया था|

अमेरिकन एक्ट्रेस से होने लगी थी तुलना

उस दौर में हेलेन और अरुणा ईरानी जैसी अभिनेत्रियां कई एक से बढ़कर एक फिल्मों में खलनायिका के रूप में नजर आई थी, और उन्होंने उन दिनों अपनी एक अहम पहचान भी स्थापित कर दी थी| पर अपने दमदार अभिनय और लुक्स की बदौलत अभिनेत्री बिंदु ने उन अभिनेत्रियों की मौजूदगी में अपनी सफलता की कहानी लिख दी, जिसके बाद इनकी तुलना राक्वेल वेल्च होने लगी थी, जो कि मूल रूप से एक अमेरिकन एक्ट्रेस है|

रियल लाइफ़ में भी वैंप समझने लगे थे लोग

अपनी अधिकतर फिल्मों में वैम्प रोल्स को निभाती नजर आई एक्ट्रेस बिंदु ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि उनके किरदारों को देखते हुए कई लोग असल जिंदगी में भी उन्हें वैम्प समझने लगे थे| उन्होंने बताया था कि एक बार जब वह अपनी बहन के बच्चों के साथ अपनी ही एक फिल्म को देखने गई थी तब बच्चों ने उनसे कहा था कि वह उनके साथ तो ऐसा नहीं करती, तो आखिर फिल्मों में वह ऐसा क्यों करती हैं…

गालियों को मानती थीं अवॉर्ड

अपने एक और इंटरव्यू में बिंदु ने बताया था कि कई बार जब लोगों को यह पता चलता था कि वह सिनेमा हॉल में आई हैं, तो लोग ऐसा कहने लगते थे कि अब कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर होने वाली है| उन्होंने बताया कि भले ही उन्होंने अपनी कई फिल्मों में नेगेटिव रोल को निभाया है पर उन्हें कई बार लोगों की गालियां तक खाली पड़ी है| हालांकि, उनके मुताबिक वो गालियां को हमेशा अवार्ड की तरह लिया करती थी, जिससे उन्हें यह आभास होता था कि वह अपना रोल अच्छी तरह अदा कर रही हैं|

साथ ही बताते चलें, बिंदु ने अपने फिल्मी कैरियर में शोला और शबनम, ओम शांति ओम और मैं हूं ना जैसी फिल्मों में पॉजिटिव रोल्स भी बखूबी निभाए हैं|

By Akash