गुजरे 40 से 70 के दशक की बेहद खूबसूरत और जानी-मानी बॉलीवुड अभिनेत्री नरगिस दत्त अपने जमाने की टॉप बॉलीवुड अभिनेत्रियों में शामिल थी, जिन्होंने अपने फिल्मी कैरियर में कई एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्मों में काम किया है और खास तौर पर नरगिस दत्त को फिल्म मदर इंडिया में अपने दमदार अभिनय के लिए गजब की लोकप्रियता हासिल है| ऐसे में अपनी आज की इस पोस्ट में हम नरगिस दत्त के बारे में ही बात करने जा रहे हैं और आपको इनकी असल जिंदगी से जुड़ी एक बेहद अहम जानकारी देने जा रहे हैं…

सबसे पहले अगर बात करें नरगिस दत्त के एक्टिंग कैरियर की, तो उन्होंने साल 1935 में आई बॉलीवुड फिल्म तलाश-ऐ-हक के जरिए हिंदी फिल्म जगत में कदम रखा था़, जिसके बाद एक्ट्रेस को कई एक से बढ़कर एक बेहतरीन बॉलीवुड फिल्मों में देखा गया था जिनमें आवारा, अंदाज, दीदार, आग, बरसात और मदर इंडिया जैसी फिल्में शामिल हैं|हालांकि नरगिस का फिल्मी कैरियर बेहद ही शानदार रहा है, लेकिन असल जिंदगी में नरगिस दत्त को काफी उतार-चढ़ाव भरे दिनों से गुजरना पड़ा है और ऐसे में अपनी आज की इस पोस्ट में हम इसी विषय पर बात करने जा रहे हैं| नरगिस दत्त की बात करें तो असल जिंदगी में, एक्ट्रेस एक बेहद गंभीर रोग से ग्रसित हो गई थी, जिसने न केवल एक्ट्रेस से उनका फिल्मी कैरियर छीन लिया बल्कि इसी बीमारी के चलते वह हमेशा के लिए दुनिया को भी अलविदा कह गई|

दरअसल, नरगिस दत्त पेनक्रिएटिक कैंसर नाम की एक बेहद भयावह बीमारी की शिकार हो गई थी, जिस बीमारी नहीं बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्री को हमेशा के लिए हिंदी फिल्म जगत से दूर कर दिया| नरगिस दत्त ने काफी लंबे वक्त तक इस बीमारी से जंग लड़ी थी, लेकिन आखिरकार 3 मई, 1981 को एक्ट्रेस हमेशा के लिए यह दुनिया से विदा ले गई| पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे खतरनाक है?

बात करें अगर पेनक्रिएटिक कैंसर नाम की इस बीमारी की, तो जैसा कि इस बीमारी का नाम है, यह शरीर के एक बेहद महत्वपूर्ण अंग पैंक्रियाज यानी कि अग्राशय को प्रभावित करता है, जो कि मानव शरीर में पाचन तंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है| ये अंग शरीर में एक ऐसे जूस और एंजाइम का निर्माण करता है, जो हमारे खाए गए सभी खाद्य पदार्थों के पाचन में सहायता करता है| इसके अलावा यह अंग इंसुलिन और कई अन्य महत्वपूर्ण हारमोंस अभी निर्माण करता है|लेकिन इस अंग पर जब कैंसर जैसी बीमारी का संक्रमण हो जाता है, तो इसे ना केवल पेनक्रियाज नाम का अंग प्रभावित होता है, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर देखने को मिलता है|

इस स्थिति में सबसे पहले व्यक्ति को कमजोरी महसूस होने लगती है और अचानक वजन भी घटने लगता है| व्यक्ति को भूख नहीं लगती है और हमेशा ही मन अंदर से मिचलाता और उल्टी जैसा लगता है| इसके अलावा यूरिन का रंग और अधिक पीला दिखने लगता है, और कुछ वक्त बाद पीलिया की समस्या भी नजर आने लगती है|पेनक्रिएटिक कैंसर नाम की इस बीमारी का इलाज 3 स्टेज पर किया जाता है, जो बीमारी की स्थिति पर निर्भर करता है| इनमें सबसे पहले सर्जरी का सहारा लिया जाता है| और इसके बाद कीमोथेरेपी और रेडियोथैरेपी नाम के दो अन्य विकल्प होते हैं|

By Akash