बीते साल देश में कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन लगाया गया था जिसके बाद दूरदर्शन चैनल पर 90 के दशक के मशहूर आध्यात्मिक धारावाहिक रामायण का प्रसारण किया गया था| और प्रसारण के बाद ये काफी अधिक सुर्ख़ियों में भी नजर आई थी और सोशल मीडिया पर भी ये काफी वायरल टॉपिक बन गयी थी| और ऐसे में शो में लक्ष्मण का किरदार अदा करने वाले अभिनेता सुनील लहरी नें एक नये राज का ज़िक्र किया है जो के शो में हनुमान का किरदार निभाने वाले अभिनेता दारा सिंह से जुड़ा हुआ है|
मजेदार रहा ये सीन
सुनील लहरी के अनुसार अक्सर रामायण में हनुमान जी को उड़ते हुए देखा गया है पर शूटिंग के दौरान यह कहानी बिल्कुल ही अलग रही| क्योंकि शूट के वक्त हनुमान जी का किरदार निभा रहे डरा सिंह केवल कुर्सी या स्टूल पर बैठे रहते थे| और उस सीन को लेकर सुनील लहरी नें काफी मजेदार बताया जिसमे हनुमान जी भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को कंधों पर बैठाए हुए नजर आये थे| सुनील के बताया के उस सीन के शूट के दौरान काफी मजा आया था|
कैसे बना ये सीन?
रामायण के उस सीन की बात करें तो हनुमान जी को उस सीन में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को अपने कंधों पर बैठाए वायुमार्ग के ले जाते देखा गया था| पर यह सीन बैठकर रिकॉर्ड किया गया था जिसके बाद वर्चुअल इफेक्ट्स के जरिये क्रोमा की की मदद से इसे बनाया गया था| बता दे के इन सीन्स को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया था और इसके अलावा भी कई ऐसे सीन्स थे जिन्हें इस तरीके से शूट किया गया था|
स्टूल पर थे खड़े
क्रोमा की और स्पेशल इफेक्ट्स के जरिये हनुमान जी को हवा में उड़ता हुआ दिखाया गया था पर सुनील लहरी नें इन सीन्स को लेकर बताया के हनुमान का किरदार निभा रहे दारा सिंह को कई बार दो स्टूल्स पर भी खड़ा किया गया था जिससे के ऊंचाई अधिक दिख सके| वहीँ हनुमान जी के हाथों पर खड़े भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को दिखाने के लिए दूसरी को कम ज्यादा कर किया गया था|
पहले लगा था अटपटा
सुनील लहरी नें आगे बताया के भगवान श्रीराम का किरदार निभा रहे अरुण गोविल को कई बार यह भी समझ नही आ रहा था के आखिर हो क्या रहा है और वो केवल निर्देशक के दिए आदेशों को मानते थे| सुनील लहरी नें बताया के शूटिंग के दौरान ये सीन्स उन्हें ही या अरुण गोविल को ही नही बल्कि लगभग हर किसी को अटपटा सा लग रहा था पर जब एडिट होकर असल में प्रदर्शित किया जाने वाला विडियो सामने आया तो असल में वो काफी अच्छा लग रहा था और एक वक्त के लिए तो कई लोग आश्चर्य में भी पड़ गये थे|
ऐसा इसलिए भी था क्योंकि उन दिनों वर्चुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल न के बराबर ही होता था और लोगों को इसलिए इस सब की उतनी जानकारी नही थी| हालाँकि आज की कहें तो अधिकतर फिल्मों में एफीक्ट्स का इस्तेमाल देखने को मिल ही जाता है|