लोक पर्व छठ हिंदू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है और छठ पूजा के दौरान सूर्य देव और छठी माता की पूजा की जाती है| वही बॉलीवुड और टेलीविजन इंडस्ट्री में भी कई ऐसे सितारे हैं जो कि धूमधाम से छठ का उत्साह मनाते हैं| “अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो” सीरियल में लाली का किरदार निभा कर रतन राजपूत ने गजब की लोकप्रियता हासिल की है और रतन राजपूत बिहार से ताल्लुक रखती हैं और हर साल बेहद ही धूमधाम से छठ पूजा सेलिब्रेट करती है|

वही रतन राजपूत अपने गांव के छठ को काफी ज्यादा मिस करती हैं| रतन राजपूत अपने गांव की छठ से जुड़ी काफी सारी यादें लोगों के साथ शेयर की है और उन्होंने बताया कि उन्हें अच्छी तरीके से याद है कि किस तरह से उनका पूरा परिवार ट्रैक्टर पर सवार होकर दूरदराज के घाटों पर छठ का उत्सव देखने और मनाने जाया करता था|

ये कहानी ला देती है चेहरे पर हंसी

रतन राजपूत ने छठ पूजा में बनने वाले प्रसाद के बारे में एक दिलचस्प किस्सा भी बताया और उन्होंने कहा कि छठ पूजा का प्रसाद बड़े ही शुद्धता के साथ बनाया जाता है और इस प्रसाद को बनाते वक्त इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि प्रसाद को लेकर मन में किसी भी तरह का लालच उत्पन्न ना हो|

रतन राजपूत ने बताया कि एक बार उनकी बहन छठ के प्रसाद के लिए चटनी पीस रही थी और उस वक्त चटनी पीसने के लिए मिक्सर नहीं बल्कि सिलबट्टे का इस्तेमाल किया जाता था| रतन राजपूत ने बताया कि चटनी पीते समय उनकी बहन के मुंह से थोड़ी सी लार टपक गई थी और उन्होंने यह सब कुछ देख लिया| वही उनकी बहन ने मां से बताने के लिए मना किया था परंतु रतन राजपूत ने अपनी मां को बता दिया जिसके बाद रतन की मां ने उनकी बहन को एक जोरदार थपकी लगा दी और उन्हें दोबारा से चटनी पीसने के लिए कहा था |

केले का घवर उठा कर ढाई किलोमीटर चलीं रतन

छठ से जुड़ा एक और दिलचस्प किसका शेयर करते हुए रतन राजपूत ने बताया कि बचपन से ही हमारे यहां पूजा का कांसेप्ट काफी अलग रहा है और वह हमेशा से ही प्रकृति की पूजा करती आ रही है| रतन राजपूत ने कहा कि वह हमेशा सूर्य को जल डालती हैं| रतन का कहना है कि,” मेरे मन में प्रकृति के प्रति बहुत सम्मान है क्योंकि नेचर ने हमें इतना कुछ दिया है और हम सिर्फ लेते जा रहे हैं..”|

रतन राजपूत ने कहा कि पूजा के समय न जाने कहां से वह ताकत आ जाती है कि छठ की भीड़ के दौरान केले का घवर उठाकर ढाई किलोमीटर तक पैदल चलती रही | उन्होंने बताया कि छठ के प्रसाद को आप बीच रास्ते में कहीं रख नहीं सकते और इस वजह से मैंने ढाई किलोमीटर तक किलो की घवर को अपने कंधे पर उठाए रखा| रतन राजपूत ने कहा कि,” छठ की पूजा आप कहीं भी कर सकते हैं परंतु सभी के सहयोग के लिए ज्यादातर लोग अपने गांव जाना चाहते हैं और जहां परिवार के साथ मिलकर छठ मना सके|”

मन्नत पर विश्वास नहीं रखती हैं रतन

राजपूत ने कहा कि इस बार उनके घर में छठ नहीं हो रही है जिसकी वजह से वह काफी उदास है और उन्होंने कहा कि लोगों को लग रहा है कि मैं पटना में हूं और छठ मनाने आई होंगी| रतन राजपूत आगे कहती है कि,” मैंने ईश्वर से अपने करियर के लिए कभी कुछ नहीं मांगा है बस मैंने उनसे एक ही चीज मांगा है कि मैं एक अच्छी इंसान बनू , हमेशा से मेरी यही चाहत रही है| एक अच्छा एक्टर होना ठीक है परंतु एक अच्छा इंसान होना सबसे ज्यादा आवश्यक है..”| रतन राजपूत ने बताया कि इस बार वह मुंबई में है और छठ सेलिब्रेट नहीं कर पा रही हैं और इस वजह से वह इस मौके पर काफी अकेला महसूस कर रही है| हालांकि रतन ने छठ पूजा से जुड़ी काफी सारी यादें लोगों के साथ साझा की हैं|

By Anisha