मुंबई स्थित टाटा ग्रुप के पूरे अध्यक्ष रह चुके रतन टाटा भारतीय मूल के एक व्यवसाई के रूप में अपनी पहचान रखते हैं, जिन्होंने न केवल टाटा ग्रुप के विस्तार में एक बेहद अहम योगदान दिया है, बल्कि इसके साथ साथ इन्होंने टाटा ग्रुप के विकास पर भी काफी अधिक मेहनत की है|
टाटा ग्रुप द्वारा साल 2000 में लंदन स्थित टेटली टी का अधिग्रहण किया गया था, फिर इसके बाद साल 2004 में देबू मोटर्स के ट्रक निर्माण और विनिर्माण कार्यों को खरीदा गया था, इसके बाद साल 2007 में टाटा ग्रुप ने कोरस ग्रुप को खरीदा था के बाद साल 2008 में जैगुआर और लैंड रोवर जैसे लग्जरी कार ब्रांड्स को टाटा ग्रुप द्वारा खरीदा गया था|
ऐसे मैं अपनी आज की इस पोस्ट में हम रतन टाटा के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने टाटा ग्रुप के विस्तार और विकास में एक बेहद अहम योगदान निभाया था| इसी के साथ साथ हम आपको उनकी कुल संपत्ति से भी रूबरू कराने जा रहे हैं…
रतन टाटा की कुल संपत्ति क्या है?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ऐसा बताया जाता है कि आज रतन टाटा की कुल संपत्ति तकरीबन 7416 करोड़ के करीब है, और आज वह भारत की मुंबई में बने अपने आलीशान और लग्जरियस घर में रहते हैं, जिसे उन्होंने साल 2015 में खरीदा था, और इसकी कीमत तकरीबन 150 करोड़ के करीब बताई जाती है| इसके अलावा रतन टाटा भारत में कई बड़ी संपत्तियों के मालिक हैं|
उनका कार कलेक्शन भी काफी बड़ा है, जो कि टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष के लिए कोई बड़ी बात नहीं है| आज रतन टाटा के पास मर्सिडीज बेंज, फेरारी, रेंज रोवर, होंडा सिविक, कैडिलैक एक्सएलआर, जैगवार और मासेराती क्वाट्रोपोर्टे शामिल हैं।
बहुत दानी है रतन टाटा
आज टाटा संस की इकट्ठे पूंजी का तकरीबन 66% भाग टाटा परिवार के सदस्यों द्वारा संपन्न परोपकारी ट्रस्टों के पास है, जिनमें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट शामिल है| तकरीबन 6 महाद्वीपों में टाटा ग्रुप के लगभग 100 से अधिक ऑपरेटिंग कंपनियां हैं, और टाटा संस लिमिटेड का 65% स्वामित्व रतन टाटा के व्यक्तिगत वित्तीय विवरण पर नहीं है, बल्कि तमाम धर्मार्थ संगठनों पर परिलक्षित है|
भारत सरकार द्वारा किये जा चुके है सम्मानित
पैसों से ही नहीं बल्कि रतन टाटा दिल से भी बेहद अमीर है, और इसी वजह से वह अपनी संपत्ति का एक बहुत ही बड़ा हिस्सा हर साल जरूरतमंद लोगों के लिए दान कर देते हैं| श्री रतन टाटा को साल 2000 में पद्म विभूषण और साल 2008 में पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है, जो कि भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा और तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है|
रतन को गोद लिया था उनकी दादी ने
आपको यह जानकर शायद थोड़ी हैरानी होगी, लेकिन 28 दिसंबर, 1937 को भारत की सूरत में जन्मे रतन नवल टाटा के माता पिता उनके जन्म के कुछ वक्त बाद ही अलग हो गए थे, जिसके बाद उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने उन्हें गोद लिया था| जानकारी के लिए बता दें, रतन नवल टाटा का जन्म प्रति समुदाय के एक प्रसिद्ध परिवार में हुआ था|