टीवी इंडस्ट्री की एक बेहद जानी-मानी और मशहूर एक्ट्रेस बन चुकी सुधा चंद्रन आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है| सुधा चंद्रन की बात करें तो आज एक एक्ट्रेस के साथ-साथ एक सफल भारतनाट्यम डांसर के रूप में भी इन्हें जाना जाता है| लेकिन कुछ लोगों को इस बात की जानकारी है के सुधा चंद्रन ने यह मुकाम अपनी शारीरिक विकलांगता पर विजय पाकर हासिल किया है और आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई है|
बात करें अगर सुधा चंद्रन की शुरुआती दिनों की जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी आया था जब यह डिप्रेशन का शिकार हो गई थी और उन दिनों इन कि निराशा इतनी अधिक बढ़ गई थी के इनके मन में खुद को खत्म करने जैसे ख्याल भी आने लगे थे जिसके बारे में खुद एक इंटरव्यू के दौरान सुधा ने बात की है|
बता दे सुधा चंद्रन एक सड़क हादसे में अपना दाहिना पैर गवा दिया जिसके बाद इसी एक एक्सीडेंट नहीं इनकी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी| उन दिनों सुधा को आंखों के सामने दो रास्ते दिख रहे थे जिम में पहला रास्ता डिप्रेशन की खाई में जा रहा था और दूसरा रास्ता मुश्किलों से लड़कर उन्हें सफलता की नई सीढ़ियों पर ले जा रहा था और उस मुश्किल वक्त में सुधा नें जिंदगी के रास्ते को चुना और अपनी विकलांगता पर जीत पाकर अपनी मनचाही जिंदगी हासिल की|
उन दिनों का जिक्र करते हुए सुधा चंद्रन ने बताया कि साल 1981 में मई के महीने में उनका एक भयंकर सड़क एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनका एक पैर पूरी तरह से फ्रैक्चर हो गया था और उन्हें काफी गहरी चोटें आई थी| पर उस वक्त डॉक्टर ने सिर्फ उनकी ड्रेसिंग करके उन्हें वापस भेज दिया था| लेकिन बाद में उनके पैर में गैंग्रीन बन गया जिस वजह से जहर के पूरे शरीर में फैलने का खतरा बन गया|
ऐसे में डॉक्टर को सुधा का वह पैर पूरी तरह से काटकर अलग करना पड़ा| इस सब के बाद वह काफी निराश हो गई और धीरे-धीरे डिप्रेशन की ओर बढ़ने लगी| लेकिन उनके माता-पिता ने मुश्किल की उन दिनों में उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें जीने की हिम्मत दी| इसके बाद उनके माता-पिता ने प्रोस्थेटिक पैर लगाया जिससे उनका चलना फिरना शुरू हो गया|
लेकिन उन पैरों से डांस करना इतना आसान नहीं था| हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं आ रही लगभग 2 सालों तक मेहनत करके उन्होंने डांस प्रैक्टिस दोबारा से शुरू की| सुधा चंद्रन इसके बाद भरतनाट्यम सीखने का निर्णय लिया जो कि उनके लिए काफी कठिन रहा| इसके बाद धीरे-धीरे इनकी डांस परफॉर्मेंस और अधिक बेहतरीन होती गई और फिरने फिल्म नाचे मयूरी का ऑफर मिला जो उन्हीं की जिंदगी पर आधारित थी| और इसके बाद दुबारा इन्होने पीछे मुड़कर नहीं देखा|
वहीं अगर इनके वर्कफ्रंट की बात करें तो सीरिअल ‘कहीं किसी रोज़’ के जरिये इन्होने अपने करियर की शुरुआत की थी और अपने करियर में इन्होने कई बड़े सीरियल्स में काम किया है जिसमें सास भी कभी बहू थी, ये हैं मोहब्बतें, विष्णु पुराण और नागिन जैसे शानदार सीरिअल्स शामिल है|