साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार अभिनेता अल्लू अर्जुन इन दिनों अपनी हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ को लेकर काफी खबरों और सुर्खियों में बने हुए हैं| इस फिल्म की बात करें तो खासतौर पर इस फिल्म की पूरी कहानी एक खास किस्म की लकड़ी की तस्करी के धंधे के ऊपर बनाई गई है, जिसने सबसे पहले अल्लू अर्जुन एक मजदूर के रूप में कदम रखते हैं, लेकिन धीरे-धीरे वह खुद ही धंधे के मालिक बन जाते हैं, और गजब की दौलत और शोहरत हासिल करते हैं…

इस पोस्ट में हम इसी विषय पर बात करने जा रहे हैं कि आखिर इस फिल्म में वह खास किस्म की लकड़ी कौन सी थी, जिसकी तस्करी करने के बाद एक मजदूर कितना बड़ा नामी-गिरामी शख्स बन जाता है| तो आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस पूरी फिल्म में लाल रक्त चंदन की बकरी की कहानी को दिखाया गया था| हालांकि इस फिल्म की कहानी भले ही काल्पनिक हो, लेकिन लाल चंदन कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया गया है वह बिल्कुल सच है|

लाल चंदन को भारत का एक प्राकृतिक खजाना कहा जाता है, और एक खास स्थान पर पाए जाने वाले इस लाल रक्त चंदन को भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में भी लाल सोने के रूप में जाना जाता है| आज भले ही इस लाल चंदन को कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी इसकी तस्करी की कोशिश अक्सर होती रहती है…

खुशबू के बिना भी बेशकीमती है ये लाल चंदन

मुख्य रूप से चंदन के पेड़ तीन प्रकार के होते हैं, जिनमें लाल, सफेद और पीले चंदन शामिल है| लेकिन, इन सभी में सबसे बेशकीमती लाल रक्त चंदन होता है क्योंकि इसमें कोई भी खुशबू नहीं होती है| लाल चंदन का अपना एक विशेष धार्मिक महत्व भी होता है, जिसका इस्तेमाल तिलक के साथ-साथ धूप अगरबत्ती मैं होता है|

शराब बनाने में किया जाता है इस्तेमाल

लाल सोना के नाम से पूरे विश्व में जाना जाने वाला लाल रक्त चंदन एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी प्रसिद्ध है, जिस वजह से पूरी दुनिया में इसकी एक भारी डिमांड देखने को मिलती है| यही वजह है कि इसकी बनी लकड़ियों के फर्नीचर भी बेहद बेशकीमती होते हैं, और खास तौर पर इसके फर्नीचर बनाए भी नहीं जाते, बल्कि सिर्फ कुछ सजावट की चीजें बनाई जाती हैं| सबके साथ साथ लाल चंदन का इस्तेमाल कॉस्मेटिक की चीजें बनाने और लकड़ी की शराब में इस्तेमाल किया जाता है|.

सिर्फ इन क्षेत्रों में उगता है ये रक्त चंदन

आपको यह बात जानकर शायद थोड़ी हैरानी होगी, लेकिन लाल चंदन के यह पेड़ हमारे भारत मैं भी सिर्फ चुनिंदा जगहों पर पाए जाते हैं| यह लाल रक्त चंदन के पेड़ तमिलनाडु की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में फैली शेषाचलम की पहाड़ियों में ही पाए जाते है|

एसटीएफ करता है इन पेड़ों की सुरक्षा

चीन सहित जापान, सिंगापुर, यूएई और ऑस्ट्रेलिया जैसे विश्व के बड़े देशों में लकड़ियों की बहुत ही भारी डिमांड है, और इन देशों में चीन एक ऐसा देश है जहां इस लाल चंदन को तस्करी करके पहुंचाया जाता है| ऐसे में इंटरनेशनल मार्केट में करोड़ों के दाम पर बिकने वाले इस लाल चंदन की तस्करी को रोकने के लिए उनकी सुरक्षा के लिए STF को स्थापित किया गया है|

By Anisha