बीती 15 अप्रैल, 2022 को रिलीज हुई कन्नड़ फिल्म केजीएफ 2 इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर बेहद तगड़े कलेक्शन के साथ जमकर धूम मचाती हुई नजर आ रही है| इस फिल्म की बात करें तो, एक तरफ जहां इस फिल्म में लीड रोल में नजर आए अभिनेता यश इन दिनों फैंस के बीच काफी अधिक चर्चा का विषय बने हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ इस फिल्म में अधीरा के निगेटिव रोल में नजर आए बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी इन दिनों में अपने किरदार की वजह से खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं, और उनके लुक्स और अभिनय की भी दर्शक इन दिनों खूब सराहना करते नजर आ रहे हैं|
पर, आपकी जानकारी के लिए बता दें, अभिनेता संजय दत्त ने अपनी इस फिल्म की शूटिंग काफी दिक्कतों भरे वक्त ने की है, जिसके बारे में उन्होंने अभी हाल ही में हुए अपने एक इंटरव्यू के दौरान बातचीत की है| अभिनेता संजय दत्त के मुताबिक, उनके लिए ये थोड़े वक्त के लिए नहीं बल्कि पूरी जिंदगी का सबसे मुश्किल वक्त रहा है…
इंटरव्यू के दौरान संजय दत्त ने बातचीत में बताया कि वह लॉकडाउन का समय था, जब कोरोनावायरस की महामारी की वजह से सभी काम थप चल रहे थे, और सभी लोग अपने घरों में कैद हो गए थे| इसी बीच घर पर सीढ़ियां चढ़ते हुए उन्हें सांस लेने में परेशानियां होने लगे, और इसके साथ साथ कभी-कभी जब वो नाहा रहे होते थे, तो भी उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती थी| कुछ वक्त तूने नहीं समझ आ रहा था कि उनके साथ यह सब क्या हो रहा है…
ऐसे में उन्होंने अपने डॉक्टर को कॉल किया, जिसके बाद डॉक्टर की प्रिसक्रिप्शन पर उन्होंने अपने फेफड़ों का एक एक्स-रे कराया| इस एक्स-रे में ऐसा सामने आया कि उनके आधे से ज्यादा फेफड़ों में पानी भर चुका है| उनके मुताबिक डॉक्टर से इस पानी को निकालना चाहते थे, क्योंकि उनका मानना था कि यह टीबी हो सकता है, लेकिन आगे की जांच में यह कैंसर निकला|
संजय दत्त ने बताया कि पहली बार मैं जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है तो उस समय उनके पास उनकी बहन मौजूद थी, दिन से घबराहट में उन्होंने पूछा कि अब क्या करें? इसके बाद उन्होंने घर पर आकर इस बारे में बातचीत की के आगे क्या किया जा सकता है| संजय दत्त ने बताया कि उस दौरान वो अपनी पत्नी और बच्चों की जिंदगी के बारे में सोचकर चिंता में पड़ गए थे, और तकरीबन दो-तीन घंटे तक रोए थे|
लेकिन इसके बाद उन्हें ऐसा लगने लगा कि इस मुश्किल वक्त में उन्हें कमजोर नहीं पड़ना है और इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि यह लड़ाई उन्हें जीत नहीं है| इलाज कराने के लिए वह सबसे पहले यूएस जाना चाहते थे, लेकिन उस वक्त तुरंत उन्हें वीजा नहीं मिल पाया, जिस वजह से उन्होंने मुंबई में ही अपना इलाज शुरू करा दिया|
संजय दत्त ने आगे बातचीत के दौरान बताया कि दुबई में जब उनकी कीमोथेरेपी हुई थी, तो उसके बाद वह घंटों टेनिस खेलने चले जाते थे| ऐसा इसलिए क्योंकि वह कैंसर से डरकर नहीं बल्कि डटकर लड़ने की चाहत रखते थे|
और कहीं ना कहीं संजय दत्त के इसी मनोबल और आत्मविश्वास ने, उन्हें कैंसर जैसी बड़ी और भयावह बीमारी से मुक्ति दिलाई, जिसके बाद आज वह पूरी तरह से फिट और एक्टिव हो चुके हैं| और इंटरव्यू में हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि अब दोबारा से पुराने वाले संजय दत्त बनना चाहते हैं|