हिंदी फिल्म जगत में ट्रेजरी किंग के नाम से अपनी पहचान रखने वाले दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार आज हमारे बीच मौजूद नहीं है| दिलीप कुमार की बात करें तो इनका जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर में हुआ था और ऐसे में अगर दिलीप कुमार हमारे बीच मौजूद होते तो बीती 11 दिसंबर, 2021 की तारीख अभिनेता के 99वें जन्मदिन के रूप में मनाई जाती| लेकिन आज भले ही दिलीपकुमार हमारे बीच मौजूद नहीं है, पर बॉलीवुड के तमाम सेलेब्स और इनके करोड़ों फैंस ने सोशल मीडिया के जरिए इनके जन्मदिन के मौके पर इन्हें याद किया है|

पर वहीं दूसरी तरफ दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो ने भी उनके जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद किया है और उन्हें याद करते हुए यह खत भी लिखा है| सायरा बानो ने सबसे पहले इस खत में दिलीप कुमार को उनके जन्मदिन की बधाइयां दी हैं और इसके बाद उन्होंने लिखा है कि ना तो वो आज अकेली है, और ना ही कभी अकेली रहेंगी|

दिलीप कुमार को याद करते हुए ताराबानो ने लिखा है कि-‘दिसंबर 11, 1922 को अविभाजित भारत के पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में मेरे जान युसूफ साहब का जन्म हुआ था| आगे उन्होंने लिखा है कि दिलीप कुमार हमेशा इस बात पर खुश रहते थे और गर्व महसूस करते थे कि उनका जन्म अविभाजित भारत में हुआ था और उनका शुरुआती जीवन एक बड़े परिवार में गुजरा है जहां रिश्तो और बड़ों का मान सम्मान किया जाता था|

सायरा बानो ने दिलीप कुमार को याद करते हुए आगे लिखा है कि उन्हें अपने पिता से मिली देशभक्ति पर काफी गर्व था| साथ ही उन्हें और उनके 11 भाई बहनों को सभी समुदायों और सामाजिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के लोगों से घुलने-मिलने की पूरी स्वतंत्रता दी गई थी| आगे उन्होंने लिखा है कि दिलीप कुमार अपने शानदार जीवन के बावजूद बेहद ही अलग और सजग थे|

आगे सायरा बानो ने दिलीप कुमार के बारे में लिखा है कि भले ही वह पूरे दुनिया के लिए एक सुपरस्टार अभिनेता रहे हो, लेकिन खुद के लिए वह हमेशा एक साधारण इंसान ही थे| शायद यही वजह रही के शादी के बाद भी उन्हें अधिक बदलाव नहीं लाने पड़े| जहां अकसर मेहमानों और विजिटर्स का स्वागत किया जाता था और पठान अंदाज में उनकी खातिरदारी की जाती थी। उन्होंने आगे बताया कि किसी भी खास मौके पर घरों को पूरी तरह लोगों से, फूलों और चमचमाती- रंग बिरंगी लाइट से सजा देते थे|

दिलीप कुमार के बारे में सायरा बानो ने आगे बताया है कि वह बिना किसी हिचकिचाहट के उनके साथ शॉपिंग करने भी जाया करते थे पर अक्सर ही छोटे ठेलों पर बिकने वाली आइसक्रीम और भेलपुरी का भी आनंद लेने में पीछे नहीं रहते थे| आगे उन्होंने बताया कि दिलीप कुमार का ऐसा मानना था कि अगर कोई आम आदमी उनसे मिलता है और उनकी फिल्म की तारीफ करता है, तो उनके लिए इससे बड़ा अवार्ड और कोई नहीं है|

अंत में सायरा बानो ने दिलीप कुमार को लेकर लिखा है कि जैसा उन्होंने शादी की सालगिरह पर बताया था, के दिलीप कुमार आज भी उनके पास हैं और धीरे से उनका हाथ थाम कर बिना शब्दों के अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं| सायरा बानो लिखा है उन्हें बात पता चल गई है की-‘ मैं अकेली नहीं हूं, न अभी और न आगे कभी।’

By Akash