शादी को एक तरफ जहाँ प्यार और विशवास के रिश्ते का नाम दिया जाता है वहीँ दूसरी तरफ आज हमारे समाज में इसे एक नकारात्मक रूप भी मिला हुआ है| और अधिकतर मामलों में इस नकारात्मक पहलू से लडकी और उसके परिवार को गुजरना पड़ता है जिसे दहेज़ कहा जाता है| और कई बार तो इस बड़ी समस्या को बहुत ही गलत रूप लेता देखा गया है| इसका सबसे अधिक असर बेटी के माँ बाप पर देखने को मिलता है जिन्हें बेटी की शादी के लिए दहेज़ इकठ्ठा करने के लिये कई मुश्किलों से गुजरना पड़ता है|

हालाँकि कई ऐसे भी दृश्य हमारे ही समाज से देखने को मिलते हैं जहाँ दहेज़ की इन समस्याओं का खंडन भी किया जाता है| और ऐसे में अपनी आज की इस पोस्ट e जरिये हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो के बिल्कुल सत्य घटना है| यह घटना राजस्थान की है जहाँ पर लडके वालों नें एक अनोखी पहली की| एक तरफ जहाँ लडकी के पक्ष से 11 लाख रुपयों की नगद राशी दी गयी वहीँ दूसरी तरफ वर पक्ष नें इसे लेने से इनकार कर दिया|

वर पक्ष से ऐसा सुनने को मिला के बीटा पैसे खुद कम लेगा| उनके लिए एक पढ़ी लिखी दुल्हन मिलना भी किसी दहेज़ से कम नही है| वहीँ जब अपने पति के मुंह से दुल्हन नें ऐसे शब्द सुने तो वह भी बस उसे निहारती रह गयी और सभी को ऐसा पति मिले ऐसा लोगों की जुबान से सुनने को मिला|

यह घटना बीती तारिख 15 मार्च की है जहाँ श्री रघुवीर सिंह शेखावत के पुत्र नरेंद्र सिंह शेखावत बारात लेकर शिवपाल सिंह के घर शादी के लिए पहुंचे थे| शिवपाल सिंह की बेटी का नाम दिव्या कंवर है जिनके साथ नरेंद्र की शादी हुई है| बता दें के जब दूल्ह के पिता नें शादी के बाद दहेज़ की 11 लाख की रकम दी तो दूल्हे नें उस रकम को सम्मान सहित शिवपाल जी को लौटा दिया और बेटी के साथ विदा हुए|

दूल्हे का कहना था के उसे एक पड़ी लिखी पत्नी मिली है उसके लिए यह भी किसी तोहफे से कम नही है| दुल्हन बनी दिव्या की बात करें तो वो भी अपने इस रिश्ते से काफी खुश और संतुष्ट है| और अगर इनकी पढाई की बात करें तो दिव्या नें परास्नातक तक पढाई की है और अभी ये सरकारी नौकरी की तैयारी में लगी हुई है| वहीँ अगर बात करें दूल्हे की तो च सूरत की एक एलएनटी में काम करते हैं।

इस अनोखी घटना के बाद सभी की जुबान पर अभी इस शादी के चर्चे सुनने को मिल रहे है और इस अनोखी पहल के लिए आज लाखों लोग दूल्हे की सोच को सलाम कर रहे हैं| इस अनोखी शादी नें अधिक कुछ भले ही न किया हो पर आज के इस नकाताम्कता भरे समाज में एक मिसाल जरूर कायम की है|और इससे एक बात और सिद्ध हुई है के अगर समाज शिक्षित हो तो कई सारी बुराइयों को हम अपने समाज से हटा सकते हैं जिसकी एक झलक इस शादी से देखने को मिली है|

By Akash