हम अक्सर ही अपने बीच गुजरे 90 के दशक के लोगों को बातें करते हुए सुनते हैं, जो अक्सर ही अपने जमाने के बारे में बताते हुए नजर आते हैं| उन्हें अक्सर इस बारे में बात करते हुए देखा जाता है कि उनका दौर आपसे बिल्कुल अलग हुआ करता था, जब ना केवल लोग एक दूसरे के काफी करीब हुआ करते थे बल्कि उन दिनों लोगों की जिंदगी में साइंस और टेक्नोलॉजी कभी उतना अधिक डेवलपमेंट नहीं हुआ था, जिस वजह से छोटी छोटी चीजों में भी लोगों को खुशियां नजर आती थी|

ऐसे मैं अपनी आज की इस पोस्ट के जरिए हम आपको गुजरात और की कुछ ऐसी ही चीजों की तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, जिन्हें अगर आप इस दशक के हैं तो शायद ही आपने देखा होगा, और अगर आप गुजरे दौर से ताल्लुक रखते हैं तो यकीनन यह तस्वीरें आपको आपके बचपन की याद दिला देंगे और आप भी शायद अपने गुजरे वक्त को याद करने पर मजबूर हो जाएंगे और आपकी पुरानी यादें भी तजा हो जाएँगी|

तो चलिए हम आपको एक एक करके यह तस्वीरें दिखाते हैं और आपकी पुरानी यादों को एक बार फिर से उस दौर से वापस लाते हैं…

म्यूजिक टेप्स

उन दिनों स्पॉटिफाई या फिर गाना पर नहीं बल्कि लोग इन म्यूजिक टेप से गाने सुना करते थे|

डीडी नेशनल

रविवार के दिन का लोग बेसब्री से इंतजार करते थे क्योंकि इस दिन पूरा परिवार एक साथ बैठकर डीडी नेशनल देखता था|

लैंडलाइन टेलीफ़ोन

उस समय कुछ इस तरह के लैंडलाइन टेलिफोन हुआ करते थे, जिस पर पड़ोसियों के भी फोन आते थे|

सिगरेट कैंडी

टारगेट कंपनी की सिगरेट कैंडी उस वक्त काफी पॉपुलर थी, जो एक तरह की स्वीट सिगरेट होती थी|

क्वालिटी वाल्स आइसक्रीम

उस समय आइसक्रीम पार्लर्स नही होते थे| ऐसे में कुछ इस तरह से गलियों में आइसक्रीम बेचने वाले आया करते थे|

पिट्टो का खेल

उस दौर में यह बच्चों का पसंदीदा खेल हुआ करता था|

चन्द्रकान्ता सीरियल

रविवार के दिन घर के लगभग सभी लोग चंद्रकांता सीरियल का इंतजार करते थे|

चम्पक और चाचा चौधरी कोमिक्स

उन दिनों बच्चों में चंपक और चाचा चौधरी जैसी कॉमिक्स का क्रेज देखने को मिलता था|

रुपयों-पैसों के सिक्के

उन दिनों रुपए ही नहीं बल्कि पैसे भी चलते थे|

बाटा के पीटी शूज़

बाटा के इस तरह के पीटी शूज सप्ताह में 2 दिन सभी स्कूल जाने वाले बच्चों के पैरों में नजर आते थे|

च्युइंग गम के टैटू

च्युइंग गम के साथ कुछ इस तरह के टैटू मिलते थे| कई बच्चे तो सिर्फ इसी वजह से च्युइंग गम लेते थे|

रसना

रसना ड्रिंक के बिना सभी पार्टियां अधूरी रहती थी और ये बच्चों से लेकर बडो तक सभी को काफी पसंद आती थी|

लॉस्ट टीवी सिग्नल्स

टीवी सिग्नल में कोई खराबी आने पर टीवी पर कुछ इस तरह का चित्र देखने को मिलता था|

रेनोल्ड्स पेन

रेनोल्ड्स कंपनी की ये पेंस लगभग सभी के जेब में रहती थी|

शक्तिमान

मार्वल या डीसी नहीं, शक्तिमान उस समय बच्चों का सुपरहीरो हुआ करता था| इसके बारे में बच्चों के बीच डिस्कशन चलता था|

By Akash