साउथ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर लाखों दिलों में अपनी जगह बना चुके अभिनेता रजनीकांत आज किसी पहचान के मोहताज़ नही है| रजनीकांत की बात करें तो इनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें कई बड़े अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चूका है और आज इनका नाम साउथ सिनेमा के टॉप अभिनेताओं की सूची में सबसे ऊपर नजर आता है| अभी बीते कुछ वक्त पहले ही रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से भी नवाज़ा गया था और इसी बात से आप यह अंदाजा लगा सकते हैं के आज इन्होने कामयाबी के किस मुकाम को हासिल कर लिया है|
लेकिन अपनी आज की इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे वक्त के बारे में बताने जा रहे हैं जब रजनीकांत के पास ये दौलत शोहरत मौजूद नही थी और न ही वो इतने बड़े सुपरस्टार थे| इस बात का ज़िक्र खुद ही रजनीकांत नें यह अवार्ड पाने के बाद किया था जहाँ उन्होंने ऐसा कहा था के इस अवार्ड को वो अपने दोस्त, बस ड्राइवर और सहकर्मी राज बहादुर को डेडीकेट करना चाहते हैं|
रजनीकांत नें आगे कहा के राज बहादुर ही वो शख्स रहे हैं जिन्होंने उनके अंदर के एक्टिंग टैलेंट को पहचाना था और इतना ही नही बल्कि उन्होंने ही रजनीकांत को प्रोत्साहन भी दिया था| जानकारी के लिए बता दें, रजनीकांत शुरूआती दिनों में शिवाजी राव गायकवाड हुआ करते थे जिन्हें राज बहादुर नें ही तमिल सिखाई थी और उन्होंने ही उन्हें एक्टिंग की दुनिया में जाने की सलाह दी थी और हर वक्त उनका साथ निभाया था|
आज यह बात रजनीकांत के लगभग सभी फैन्स को पता है के राज बहादुर के साथ अभिनेता का रिश्ता तकरीबन 50 सालों पुराना है| यह बात तब की है जब रजनीकांत भी एक बस कंडक्टर हुआ करते थे| वहीँ अगर बात करें अभिनेता के दोस्त राज बहादुर की तो अभी हाल ही में उनका एक इंटरव्यू हुआ था जिसमे उन्होंने कई बातों का ज़िक्र किया था|
बातचीत में राज बहादुर नें बताया था के उनकी और रजनीकांत की दोस्ती लगभग 50 सालों पुरानी है| उनकी और रजनीकांत की मुलाकात साल 1970 में हुई थी जब वो बीएस ड्राईवर थे और रजनीकांत बतौर बस कंडक्टर काम किया करते थे| उन्होंने बताया के उनके पूरे ट्रांसपोर्ट ग्रुप में वो सबसे बेहतरीन एक्टर थे और कल्चरल इवेंट्स के दौरान भी वो स्टेज पर परफार्म किया करते थे|
ऐसे में उनके अंदर की प्रतिभा को देखते हुए राज बहादुर नें ही उनसे चेन्नई जाकर एक्टिंग स्कूल ज्वाइन करने की इच्छा ज़ाहिर की| इसके बाद रजनीकांत नें उनकी बात मानते हुए कोर्स ज्वाइन किया और दो सालों तक इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग की और फिर वहां पर एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज़ किया जा रहा था जिसमे रजनीकांत को परफार्मेंस देनी थी|
यहाँ ख़ास बात यह थी के वहां पर के बालाचंद्रण चीफ गेस्ट बनकर पहुँचने वाले थे और उन्होंने ही रजनीकांत को बुलाकर उनसे तमिल सीखने को कहा था| इस बात के बारे में उन्होंने राज बहादुर को बताया जिसके बाद राज नें उनसे कहा के आगे से वो उनसे सिर्फ तमिल में ही बात करे जिसके बाद रजनीकांत धीरे धीरे तमिल सीखने लगे और आज वो वो जिस स्तर पर पहुँच चुके हैं वह तो हम सभी के सामने है|
बता डेम, रजनीकांत कई बार इस बात का ज़िक्र कर चुके हैं के राज बहादुर उस जमाने में 400 रुपए महीना कमाते थे जिसमे से वो हर महीने 200 रुपये रजनीकांत को दे दिया करते थे| और ऐसा कुछ महीनों तक नही बल्कि पूरे 2 से 3 सालों तक चला था|