हिंदी फिल्म जगत में एक दमदार अभिनेता के साथ-साथ एक बेहतरीन कॉमेडियन के रूप में अपनी पहचान रखने वाले राजपाल यादव आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है| राजपाल यादव की बात करें तो, आज अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर उन्होंने गजब की सफलता और लोकप्रियता हासिल की है और इसके साथ साथ आज राजपाल यादव इंडस्ट्री के कुछ बेहद मशहूर सितारों में भी शामिल हैं|
लेकिन राजपाल यादव के लिए यह सब हासिल करना इतना भी आसान नहीं था और आज इंडस्ट्री में इन्होंने जिस मुकाम को हासिल किया है, उसे हासिल करने के लिए इन्होंने काफी मेहनत और मशक्कत की है…
छोटा शहर मगर सपने बड़े
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के करीबी जिले शाहजहांपुर में जन्मे राजपाल यादव की प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्म स्थान पर ही हुई है, और काफी कम उम्र में ही इनकी एक्टिंग और थिएटर में दिलचस्पी बढ़ने लगी थी, जिसके बाद उन्होंने इसी क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने का निर्णय ले लिया| लेकिन निर्णय लेने के बाद भी उनके लिए क्षेत्र में अगला कदम रखना इतना आसान नहीं था|
राजपाल यादव ने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने तक ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री से टेलरिंग में अप्रेंटिस की डिग्री हासिल की जिसके बाद उन ऑक्री की तलाश में भटकने लगे, लेकिन हमेशा उन्होंने अपने अभिनय के जुनून को सर्वोपरि रखा| और आखिरकार थिएटर ट्रेनिंग के लिए साल 1992 में उन्होंने लखनऊ के भारतेंदु नाट्य अकैडमी में दाखिला लिया, जहां पर 2 साल की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग की तालीम ली|
मुंबई के लिए हुए रवाना
आपके बात अब बॉलीवुड में एंट्री करने की बारी आ गई थी, जिसके लिए साल 1999 में आई बॉलीवुड फिल्म दिल क्या करें में उन्हें पहली बार नजर आने का मौका मिला| लेकिन साल 2000 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म जंगल में पिता के किरदार में नजर आने के बाद इन्हें असल लोकप्रियता हासिल हुई| अगर आज की कहे तो राजपाल यादव एक उनका कॉमेडियन के रूप में अपनी पहचान रखते हैं, जिन्होंने इस तरह के रोल के साथ-साथ अपने बेहतरीन नेगेटिव रोल के लिए फिल्म फेयर का आवाज भी हासिल किया है|
नहीं होता था ऑटो का किराया
अभिनेता राजपाल यादव ने आरजे सिद्धार्थ कन्नन को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में हुई बातचीत के दौरान बताया था कि उनकी जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी आया था जब उनके पास ऑटो का किराया देने तक के पैसे नहीं होते थे| हालांकि उन परिस्थितियों में फिल्म जगत के कुछ करीबियों का उन्हें सहारा मिला, और उन्होंने ही इनका कई चरणों में साथ निभाया|
हमेशा सोच रखी सकारात्मक
राजपाल यादव ने बताया कि जब वह पहली बार मुंबई आए थे तो उन्हें कैसा माहौल मिला था, जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था| और इस अनजान शहर ने उन्हें कई सारे बिल्कुल नए और अनोखे अनुभव दिए| राजपाल यादव के मुताबिक अगर जिंदगी मुश्किल लगती है, यकीनन उसका मकसद आसान हो जाता है| लेकिन जब जिंदगी आसान लगती है तो मकसद मुश्किल हो जाता है| इसलिए इंसान को सिर्फ कर्म करते रहना चाहिए, और यकीनन जो आपका होगा वह फल स्वरूप आपको जरूर मिलेगा||