बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और करीना कपूर की जोड़ी आज फिल्म इंडस्ट्री की कुछ सबसे प्यारी और मशहूर जोड़ियों में शामिल है और इसी वजह से कई कपल्स अपना आइडियल भी मानते हैं| असल जिंदगी की बात करें तो करीना कपूर सैफ अली खान की दूसरी पत्नी है और जब सैफ और करीना की शादी हुई थी तब सैफ अली खान की बड़ी बेटी सारा अली खान 17 साल की थी| पर सारा अली खान ने करीना को कभी भी ‘मां’, ‘मॉम’ या ‘छोटी मां’ जैसे नामों से नहीं बुलाया जिसकी वजह उन्होंने खुद ही बताई थी|

पापा ने कभी नहीं कहा कि करीना मेरी ‘मां’ हैं

सारा अली खान से एक चैट शो के दौरान पिता सैफ के सामने ही यह सवाल किया गया था कि वह करीना कपूर को किस नाम से बुलाते हैं इस पर सारा ने बताया कि कभी उनके पिता या करीना के तरफ से उनके ऊपर ऐसा दबाव नहीं बनाया गया कि वह उन्हें छोटी मां कह कर बुलाए| और ऐसे में सारा करीना कपूर को उनके नाम से या फिर ‘के’ कह कर बुलाते हैं और उनके साथ  मां नहीं बल्कि एक फ्रेंड जैसा बांड  शेयर करती हैं|

करीना ने सारा से कही थी ये बात

साथ ही सहारा ने यह बात भी बताई थी के कभी भी करीना ने उनकी मां बनने की कोशिश नहीं की और इसके अलावा उन्होंने यह बताया था करीना ने पहली मुलाकात में उनसे कहा था कि उनकी मां एक बेहद शानदार व्यक्ति हैं और ऐसे में करीना सारा के साथ सिर्फ एक फ्रेंड जैसे रिलेशन रखना चाहती हैं|ऐसे में करीना कपूर की यह बातें सुनकर सारा को भी काफी अच्छा महसूस हुआ था क्योंकि उन्हें करीना कपूर के रूप में एक मां के साथ-साथ एक अच्छी और एक्सपीरियंस फ्रेंड भी मिली थी, जो उनके साथ एक दोस्त की तरह घूमती फिरती और मस्ती करती हैं, तो वहीं दूसरी तरफ एक मां की तरह उनका ख्याल भी रखते हैं|

सारा अली खान और करीना कपूर को कई बार एक साथ घूमते फिरते और इंजॉय करते देखा जाता है और इस दौरान करीना कभी भी सारा पर कोई भी रिस्ट्रिक्शन नहीं लगाती हैं| पर क्योंकि उम्र के लिहाज से करीना कपूर बड़ी हैं इसलिए वो सारा को उनके डिसीजन्स लेने और नई चीजों को समझने में उनकी मदद जरूर करती हैं| साथ ही हम आपको बता दें, सारा अली खान अपने भाई तैमूर के साथ भी काफी घुलमिल कर रहती हैं और तैमूर सारा के सगे भाई नहीं है| लेकिन इस सब के बावजूद वह उनका खासा ख्याल रखती हैं|

काम आया करीना का तरीका

यह बात कहने गलत नहीं होगी कि करीना कपूर का यह तरीका काफी सही रहा और क्योंकि उन्होंने सारा की जिंदगी में मां की जगह लेने की कोशिश नहीं की और हमेशा उनके साथ एक दोस्त की तरह बनी रहे, उससे इनके बीच एक हेप्पी और हेल्दी रिलेशन बना रहा| ऐसा इसलिए क्योंकि दूसरी शादी या फिर तलाक की स्थिति में बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी काफी असर पड़ता है जिसे वक्त पर संभालना बेहद जरूरी होता है|

 

By Anisha