आजकल के इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर आदमी अपने अपने लाइफ में इतना बिजी को चुका है की उसे अपने काम के अलावा कुछ और नजर ही नहीं आता है और लोग अपनी रफ्तार कम नहीं करते चाहे जो भी हो जाये और  ऐसे में कई बार रोड एक्सीडेंट में घायल हुए लोगो को अस्पताल पहुँचाने तक का भी लोगो के पास टाइम नहीं होता और ऐसे में कितनी जिंदगियां सही समय पर उपचार न मिलने की वजह से खत्म हो जाती है और जिस तरह से आजकल टेकनॉलिजी बढती जा रही है उसी तरह से लोगो के दिल छोटे होते जा  रहे है पर वही दुनिया में आज भी कई ऐसे लोग इस धरती पर है जो की जरूरत के समय लोगो की मद करने के लिए आगे आते है और ऐसे लोगो में आज भी इंसानियत जिन्दा है और इन्ही लोगो की वजह से दुनिया चल रही है और आज हम आपको एक ऐसी ही सच्ची घटना बताने जा रहे है जिसे जानकर आपकी भी आँखे नम हो जाएँगी |

बता दे ये घटना यूपी के सहारनपुर की है जहाँ रोजाना की तरह सड़क पर काफी भीड़ थी और लोग अपने अपने मंजिल की तरफ बढ़ते जा रहे थे और उसी दौरान एक लड़की सड़क पार कर रही थी और तभी एक गाड़ी से उसे जोरदार टक्कर लग गयी और इस वजह से उसका एक्सीडेंट हो गया और वो सड़क पर गिर पड़ी और वो काफी ज्यादा जख्मी हो गयी थी और तड़प रही थी और ऐसे में कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था और लोग देखने के बाद भी आगे बढ़ते  जा रहे थे और तब वही उस लड़की पर एक टैक्सी ड्राईवर की नजर पड़ी तब उसने तुरंत उस लड़की को उठाया और उसे अपने  टैक्सी में अस्पताल ले गया और उसे भर्ती करा दिया |बता दे इस टैक्सी ड्राईवर का नाम राजवीर है |

वही लड़की बेहोशी के हालत में थी इस वजह से उसके घर वालों को भी इसकी खबर नहीं की जा सकी और तब अस्पताल में डॉक्टर ने कहा की लड़की का तुरंत ऑपरेशन करना होगा नहीं तो इसकी जान नहीं बचेगी और इस ऑपरेशन में 2 लाख का खर्च आएगा और तब राजवीर को उस वक्त कुछ समय में नहीं आय और उसने तुरंत जाकर पअपनी टैक्सी बेच दी और ढाई लाख रुपये लाये और उसमे से 2 लाख रुपये उसने तुरंत डॉक्टर को दिए जिसके बाद लड़की  का ऑपरेशन हुआ और वो पूरी तरह से स्वस्थ हो गयी |

वही राजवीर ने जो टैक्सी बेची थी वो ही उसकी  रोजी रोजगार थी और टैक्सी चलाकर ही राजवीर अपना घर चलाता था और उसके परिवार को दो वक्त की रोटी मिलती थी और अब तो उसके पास वो टैक्सी भी नहीं रही और इस वजह से उसे काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था |वही जिस लड़की की उसमे जान बचायी थी उसका नाम आसिमा है और वो जब पूरी तरह से ठीक हो गयी तब उसने राजवीर से मिलने का फैसला किया और उसके घर गयी और उसने राजवीर से कहा की उसकी पढाई पूरी हो  चुकी है और उसके कॉलेज में एक कॉन्वोकेशन आयोजित किया गया है जिसमे वो चाहती है की इस ख़ुशी के मौके पर राजवीर को भी आना होगा|

तब राजवीर उसे मना नहीं कर पाया और वो  आसिमा के बुलाने पर अपनी बूढ़ी मां के साथ यूनिवर्सिटी पहुँच गया और जब कॉन्वोकेशन का कार्यक्रम शुरू हुआ तब राष्ट्रपति के द्वारा सबसे पहले आसिमा का नाम बुलाया गया और उसे गोल्ड मैडल से सम्मानित किया जाने वाला था पर उससे पहले स्टेज पर आकर आसिमा से कहा की इस सम्मान का असली हकदार मेरा भाई है जिसके वजह से आज मैं यहाँ खड़ी हूँ और जिन्दा हूँ |

तब आसिमा राजवीर के पास गयी और उसे अपने साथ स्टेज पर लायी और मैडल उसे अपने हांथों से पहना दी और साथ ही आसिमा ने अपने पिता से भी पूरी घटना  बता दी और तब उसके पिता ने राजवीर को एक नयी टैक्सी खरीद कर दे दिए और राजवीर के बारे में जानकर आसिमा के पिता और उसके पुरे परिवार वाले काफी ज्यादा भावुक हो गये |वही राजवीर की ही तरह  हमे भी  अपनी इंसानियत कभी नहीं भूलनी चाहिए और वक्त आने पर दूसरों की  मदद जुरु करनी चाहिए |

By Anisha