हंसना हम सबके सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है  और इसीलिए हमे हंसने मुस्कुराने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहिए और जब भी हम खुश रहते है तो इससे हमारे स्वास्थ और हमारी मानसिक सेहत भी एकदम दुरुस्त रहती है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज के इस पोस्ट में हम आपके  कुछ ऐसे मजेदार जोक्स लेकर आये हैं जिन्हें पढ़ने के बाद यकीनन आपकी हंसी रुक नहीं पाएगी. तो देर किस बात की है चलिए शुरू करते हैं हंसने हंसाने का ये खूबसूरत सिलसिला.

संता ने एयरटेल के ऑफिस में फोन किया
संता – मेरे फोन का बिल बहुत ज्यादा आया है
इतनी तो मैंने बात भी नहीं की है
बंता (एयरटेल से) – अच्छा आपका प्लान क्या है
संता – अभी तो मार्किट आया हुआ हूँ
शाम को दारू पिऊंगा…आप अपना बताइये

पति और पत्नी में जबरदस्त लड़ाई छिड़ी.
इतनी भंय-कर कि पति ने मरने की धमकी दे डाली
और स्टूल पर चढ़कर फंदा पंखे में डालने की कोशिश करने लगा.
पत्नी (एकदम रिलैक्स होकर) – हो गया क्या जो करना चाह रहो हो,
जरा जल्दी करो, देर मत लगाओ, मुझे स्टूल की जरूरत है…!!

एक पागल खाली पेपर को बार-बार चूम रहा था।
दूसरा पागल- ये क्या है?
पहला- लव लेटर है।
दूसरा- मगर ये तो खाली है।
पहला- आज कल बोलचाल बंद है।

इंसल्ट की हद!!
मम्मी : “जाओ सब्जी लेकर आओ…”
Admin : “मतलब अब एडमिन..सब्जी भी लेने जाएगा…??”
मम्मी : “जा रहा है कि नहीं वरना चप्पल से…फेसबुक का भूत और झाड़ू से वाट्सएप की
चुड़ैल निकाल दूंगी…”
Admin : “लाओ झोला…..”

पत्नी- मेरी ये समझ में नहीं आता की कई साल से मैं करवा चौथ का व्रत नहीं रख रही फिर
भी तुम पूर्ण स्वस्थ कैसे रहे हो। जुकाम तक नही…
पति- मैं बहुत नियम संयम से रहता हूँ इसलिए।
पत्नी- मुझे बेवकूफ समझ रखा है क्या?
सच-सच बताओ वह कौन है…
जो तुम्हारे लिए करवा चौथ का व्रत रखती है..

हिंदी का पीरियड था…
मास्टर ने पूछा – कविता और निबंध मैं क्या अंतर है…?
छात्र – सर, प्रेमिका के मुंह से निकला एक शब्द भी कविता होता है और
पत्नी का एक ही शब्द निबंध के समान होता है…
कसम से, जवाब सुनकर मास्टर की आंखों में आंसू आ गए…!!!

चार सरदार ट्रेन के पीछे भाग रहे थे…
दो चढ़ गए, तो ट्रेन में लोगों ने कहा –
‘वेल डन’
सरदार – क्या खाक ‘वेल डन’
जाना तो उन्हें था, हम तो छोड़ने आए थे…!!!

पप्पू अपने दोस्त से एक दुखभरी दास्तां सुना रहा था… जब मैं छोटा था,
तब मां की कोई भी सहेली मेरी तारीफ करती तो मां तुरंत कहती-
ले जा, चार दिन घर रख के देख, तब पता चलेगा!
कल पत्नी की एक सहेली घर आई थी, मुझसे मिलने के बाद पत्नी से बोली-
कितने अच्छे हैं ना तुम्हारे पति! पर यार, पत्नी के मुंह से एक बार भी नहीं निकला कि ‘ले जा, रख के देख’।
मां आखिर माँ ही होती है

पति- ये कैसी दाल बनाई है…? ना नमक है,
ना मिर्च है, बिल्कुल फीकी है…!
तुम सारा दिन मोबाइल में लगी रहती हो,
कुछ पता नहीं चलता क्या डालना है क्या नहीं…!
पत्नी- (बेलन दिखाते हुए) पहले तुम मोबाइल साइड में रख कर खाना खाओ,
कब से देख रही हूं… पानी में डुबो डुबो कर रोटी खा रहे हो…!

By Akash