जो रोज कहते थे,मेरी पहुंच ऊपर तक है…
उनसे विनम्र निवेदन है कि
भगवान सूर्य से बोलकर
धूप निकलवाएं अब सर्दी
बर्दाश्त नहीं हो रही है.

मिंकी- बादल गरजते हैं तो तेरी याद आती है.
सावन आने से तेरी याद आती है, बारिश की बूंदों से तेरी याद आती है.
बंटू- पता है… पता है… तेरी छतरी मेरे पास पड़ी है,
लौटा दूंगा चिंता मत कर.

गर्लफ्रेंड ने एंबुलेंस बुलाने के लिए कॉल किया.
ऑपरेटर- आपको क्या समस्या है?
गर्लफ्रेंड- मेरे पैर की ऊंगली टेबल से टकरा गई है.
ऑपरेटर- और इसके लिए आप एंबुलेंस बुलाना चाहती हैं?
गर्लफ्रेंड- नहीं, एंबुलेंस तो मेरे बॉयफ्रेंड के लिए है, उसे हंसना नहीं चाहिए था.

पत्नी- तुम मुझे सोते हुए गाली दे रहे थे.
पति- नहीं तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है.
पत्नी- क्या गलतफलमी?
पति- यही, ”कि मैं सो रहा था”.
तब से पति की नींद गायब है.

श्यामू – डॉक्टर चश्मा लगाने के बाद में पढ़ तो सकूंगा ना?
डॉक्टर – हां बिल्कुल.
श्यामू – ठीक है डॉक्टर साहब…
नहीं तो अनपढ़ आदमी की जिंदगी भी कोई जिंदगी है.

कल पिंकी ने पड़ोसन से मिक्सी मांगी.
पड़ोसन- यहीं आकर यूज कर लो.
दूसरे दिन उसी पड़ोसन ने कहा,
जरा अपनी झाड़ू दे दो.
पिंकी- तुम यहीं आकर यूज कर लो.

चिंटू और मिंटू बात करते हुए
चिंटू – यार कल रात घर देर से पहुंचा, डोरबेल बजाई पर
बीवी ने दरवाजा खोला ही नहीं!
पूरी रात सड़क पर गुजारी

मिंटू – फिर सुबह बीवी की खबर ली कि नहीं?
चिंटू- नहीं यार, सबेरे दारू उतरी तो याद आया,
अभी तो मेरी शादी ही नहीं हुई है,
और चाबी तो जेब में थी.

दादा – कमर में बहुत दर्द है.
जरा शर्मा जी के घर से आयोडेक्स ले आओ.
दादी – अरे वो नहीं देंगे, बहुत कंजूस हैं.
दादी – हां हैं तो खानदानी कंजूस.

पता नहीं इतने पैसे लेकर कहां जाएंगे? मर जाएंगे यूं ही,
ऐसा करो अलमारी से तुम अपनी ही निकाल लो,
दर्द कुछ ज्यादा ही है.

राजू और मोहन दोनों भाई एक ही क्लास में पढ़ते थे.
अध्यापिका- तुम दोनों ने अपने पापा का नाम
अलग-अलग क्यों लिखा?
राजू- मैडम फिर आप कहोगे कि नकल मारी है, इसीलिए.

पंडित जी ने कुंडली मिलाई 36 के 36 गुण मिल गए.
लड़के वालों ने मना कर दिया.
लड़की वाले हैरान हो कर पूछने लगे.
जब सारे गुण मिलते है तो आपमना क्यों कर रहे हैं?
लड़के वाले- हमारा लड़का बिलकुल निकम्मा है.
अब क्या बहू भी उस जैसी ले आये क्या ?

टीचर- चांद पर पहला कदम किसने रखा?
गोलू- नील आर्मस्ट्रांग ने.
टीचर- और दूसरा?
गोलू- दूसरा भी उसी ने रखा होगा…
लंगड़ी खेलने थोड़े ही गया होगा.

 

चंटू से स्टेशन के बारे में मत पूछना
यात्री ट्रेन से उतरा, उसने चंटू से पूछा
“यह कौन-सा स्टेशन है ?” चंटू हंसा, और जोर से हंसा,
जोर-जोर से हंसा, हस्ते-हस्ते लोट पोट हो गया…
और बड़ी मुश्किल से अपने आपको संभालते हुए बोला –
“पगले, ये रेलवे स्टेशन है.

मिंटू को एक भिखारी मंदिर के बाहर मिला.
भिखारी- भगवान के नाम पर कुछ दे दो साहब, चार दिन से कुछ नहीं खाया.
मिंटू 500 का नोट निकालते हुए बोला 400 खुले है.
भिखारी- हां, जी साहब है.
मिंटू- तो उससे कुछ लेकर खा ले.

 

By Akash