जोक्स कि इस मजेदार दुनिया में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है दोस्तों हम सभी को अपने जीवन खुश रहना चाहिए क्योंकि खुश रहने से ही हमारी आधी परेशानी स्वतः ही दूर हो जाती है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए आज एक बार फिर से कुछ मजेदार जोक्स लेकर आए हैं तो आइए बिना देर किये है पढ़ लेते हैं इन मजेदार चुटकुलों को
एक दिन संता के देर से काम पहुँचने पर मेनेजर बोला, “लेट क्यों हो गए ?“
संता, “बस स्टॉप पर एक आदमी का सौ का नोट खो गया था, इस वजह से देर हो गई।“
मेनेजर, “अच्छा! तो तुम नोट ढूँढने में उसकी मदद कर रहे थे?“
संता – “नहीं सर! दरअसल मैं उस नोट के ऊपर खड़ा था”
बंता – अरे तू इतना मोटा कैसे हो गया
संता- हमारे घर में फ्रिज नहीं है ना
बंता- तो?
संता – कुछ बचा नहीं सकते, सब खाना पड़ता है
संता का बेटा: मां दिवाली आने वाली है, इस बार पटाखे इस दुकान से लुंगा!
मां:-हरामजादे, ये पटाखों की दुकान नहीं, लड़कियोंका हॉस्टल है
संता का बेटा: मुझे क्या पता,
एक दिन पापा कह रहे थे कि यहां एक से एक धांसु पटाखे है
संता पहाड़ो पर पैराशूट बेच रहा था
एक ग्राहक: अगर पैराशूट नहीं खुला तो?
संता: तो आपके पुरे पैसे वापिस
घर में पत्नी से साथ झगड़ा होने के बाद, पति ने गुस्से में पंखे से रस्सी का फंदा लटकाया
और स्टूल पर चढ़कर उसे गले में डालनें के लिए तैयार हो गया।
तभी उसकी पत्नी बोली, “जो कुछ करना है, जल्दी करो।”
पति ने कहा,.”तुम मुझे शांति से मरने भी नहीं दोगी?”
पत्नी बोली,.”मुझे अभी स्टूल की जरूरत है।”
एक बार चंपकलाल अपनी पत्नी के साथ टहलने निकले।
रास्ते में एक ज्योतिषी को देखकर उसकी पत्नी वहीं बैठ गईं।
“तो आप अपने पति का भविष्य जानना चाहती हैं?” ज्योतिषी ने पूछा।
“जी नहीं! उनका भविष्य तो मेरे हाथों में है।
मैं तो उनका भूतकाल जानना चाहती हूँ!” चंपकलाल की पत्नी बोलीं।
चंपकलाल : यार, मैं अपनी पत्नी की वजह से बहुत परेशान हो गया हूं।
शर्मा जी : क्या हो गया? वो बहुत झगडती हैं क्या?
चंपकलाल : नहीं यार, उसकी याददाश्त बहुत खराब है।
शर्मा जी : क्यों? काम की बातें भूल जाती हैं क्या?
चंपकलाल : अरे नहीं, वो छोटी-छोटी बातें भी याद रखती है।
चंपकलाल दारू पीकर अपने घर गया और दरवाजा खटखटाया.
पत्नी ने दरवाजा खोला.
चंपकलाल ने पूछा – “तू कौन है और मेरे घर में क्या कर रही है?”
पत्नी ने कहा – “मुझे ही भूल गए?”
चंपकलाल बोला – “दारू पीकर आदमी हर गम भूल जाता है!”
होटल में इंटरव्यू चल रहा था।
मैंनेजर- “हमें इस पद के लिए किसी जिम्मेदार आदमी की तलाश है।
पप्पू- “तब तो मैं इस पद के लिए पूरी तरह फिट हूं।”
मैनेजर- “वो क्यों?”
पप्पू- “क्योंकि पिछले हर नौकरी में मुझे ही हर गलती के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता था।”
सेठजी: अगर तुम यह बता दो कि
मेरी कौन सी आँख नकली है तो मैं तुम्हें पाँच सौ रुपए इनाम दूँगा।
चंपकलाल: यह तो बिलकुल आसान है। आपकी बाईं आँख असली है।
सेठजी: यह तुम्हें कैसे पता चला ?
चंपकलाल:उसी में तो थोड़ी दया-ममता नजर आती है!
शिक्षक ने सभी बच्चों से क्रिकेट मैच पर निबंध लिखन को कहा।
सभी छात्र अपनी-अपनी कापी लेकर निबंध लिखने में जुट गए।
मगर बंता चुपचाप बैठा था।
शिक्षक ने उसकी किताब देखी तो उस पर सिर्फ एक लाइन लिखी थी-
“बारिश की वजह से मैच स्थगित कर दिया गया है।”