निरमा वाशिंग पाउडर आज के समय में वाशिंग पाउडर का एक बहुत ही जाना माना ब्रांड बन चूका है और बहुत से घरनो में  आज के समय में निरमा वाशिंग पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है |वही “दूध सी सफेदी निरमा में आए, रंगीन कपड़ा भी खिल-खिल जाए सबकी पसंद निरमा, वाशिंग पाउडर निरमा।” एक समय में  वाशिंग पाउडर निरमा का ये विज्ञापन टीवी के सबसे पोपुलर विज्ञापनों में से एक था और वही इस विज्ञापन में एक लड़की नजर आती थी जिसकी तस्वीर निरमा वाशिंग पाउडर के हर पैकेट पर आज भी छपता है और  इस लड़की का नाम ‘निरूपमा’ है और इसके ही नाम पर वाशिंग पाउडर “निरमा” का नाम रखा गया है और इस बच्ची के निरुपमा से निरमा बनने तक की कहानी काफी दिलचस्प है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है तो आइये जानते है

बता दे ‘निरूपमा’ जिसके नाम पर निरमा वाशिंग पाउडर का नाम पड़ा है वो जब स्कूल जाया करती थी तभी एक दिन दुर्भाग्यवश एक कार एक्सीडेंट में उसकी जान चली गयी और ‘निरूपमा’ के गुजर जाने के बाद उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा वही ‘निरूपमा’ के पिता जिनका नाम करसनभाई है वो अपनी बेटी से बहुत ज्यादा प्यार करते थे और इतनी छोटी सी उम्र में करसनभाई अपनी बेटी को खो देने के बाद बुरी तरह से टूट गये थे |

बता दे करसनभाई ये चाहते थे की उनकी बेटी निरूपमा पढ़ लिखकर खूब नाम कमाए पर इतनी छोटी सी उम्र में निरूपमा को यूँ दुनिया को अलविदा कह जाना करसनभाई के लिए किसी सदमे से कम नहीं  था  और वो दिन रात अपनी बेटी की याद में ही खोये रहते थे और तभी करसनभाई ने ये निर्णय लिया की  आज उनकी बेटी भले ही इस दुनिया में नहीं है पर वो  कुछ ऐसा करेंगे जिससे उनकी बेटी का नाम इस दुनिया में अम्र हो जाये और उन्होंने ऐसा ही किया और अपनी बेटी के नाम पर ही उन्होंने  “निरमा” कंपनी’ की शुरुआत की थी और  ये कम्पनी आज इतनी मशहूर हो चुकी है की निरमा का नाम लोगो के जुबान पर बसा  हुआ है और करसनभाई जो चाहते थे वो उन्होंने  अपनी कड़ी मेहनत और दृढ निश्चय के बल पर कर दिखाया और अपनी बेटी  ‘निरूपमा’ का नाम और उसकी तस्वीर इस दुनिया में अमर कर दिए |

बता दे करसन भाई पटेल गुजरात के रहने वाले थे और इन्होने साल 1969 में निरमा वॉशिंग पाउडर की शुरुआत की थी और निरमा वॉशिंग पाउडर के पैकेट पर जिस लड़की की तस्वीर नजर आती है वो करसनभाई ने बेटी निरुपमा है जिसके नाम पर करसनभाई ने निरमा कंपनी शुरू की थी |बता दे अपनी इस कंपनी को चलाने के लिए करसनभाई ने काफी संघर्ष किया है और वो सरकारी नौकरी करते थे और साइकिल से अपने दफ्तर जाते थे और रास्ते में ही वो अपने साथ कुछ निरमा पाउडर के पैकेट भी ले जाया करते थे और उसे बेचते हुए ऑफिस जाते थे |

वही जब करसनभाई ने निरमा  कंपनी की शुरुआत की थी उस समय बाजार में और भी कई तरह  के डिटर्जेंट पाउडर आ चुके थे और तब जहाँ और डिटर्जेंट पाउडर की कीमत 15 रुपये किलो होती तो वही करसनभाई ने निरमा पाउडर की कीमत सिर्फ साढ़े तीन रुपये प्रति किलो रखे थे और कम कीमत होने की वजह से अमीर गरीब सभी इस पाउडर का इस्तेमाल कर  पाते थे और इस तरह से करसनभाई के निरमा पाउडर की बिक्री काफी ज्यादा बढ़ गयी और दिन पर दिन इनकी कम्पनी आगे बढती गयी  |

मौजूदा समय में करसनभाई की निरमा कंपनी का टर्नओवर 70000 करोड़ से भी ज़्यादा है और इनके इस कंपनी में इस समय करीब 18000 वर्कर्स काम करते और आज के समय में निरमा कम्पनी हमारे देश की  सबसे फेमस वाशिंग पाउडर कंपनियों में से एक बन चुकी है और बिज़नस में इस तरह से अपार सफलता मिलने के बाद एक सरकारी नौकरी वाले करसन बाबू की दिशा ही बदल गई और वही आज के मौजूदा समय में करसन भाई की गिनती भारत के चंद रईस बिज़नेसमैन के लिस्ट में की जाती है और वही इनकी बेटी निरुपमा भी आज निरमा नाम इस दुनिया में अमर हो गयी है |

 

By Anisha